क्या दोस्तों प्रश्न है कि क्या नरेंद्र मोदी को अपनी खुद की पार्टी बना लेनी चाहिए तो दोस्तों मैं बताना चाहता हूं कि उनको पार्टी बनाने की जरूरत नहीं है पूरा पार्टी पर उनका एक प्रकार से नियंत्रण है वह बहुत ही एक अच्छे वक्ता है और एक बहुत ही अच्छे नियोजित तरीके से राजनीति में अपना पैर जमा रखी है उन्होंने और जितने भी एमपी एमएलए हैं वह सारे उनके नाम से इलेक्शन जीत पा रहे हैं बहुत सारे लोग तो इलेक्शन ही नहीं जीत पाते अगर मोदी जी का नाम ना हो तो उनका करिश्मा चलता है तो उनकी अपनी ही पार्टी है और पार्टी को जिताने के लिए संगठन होना बहुत जरूरी है तो अपनी पार्टी में को बनाने की जरूरत नहीं है उनको संगठन ही जो उनका है भारतीय जनता पार्टी का वही जीता सकता है वही कार्य उनको करके उनके कार्यकर्ता करके उनको आगे बढ़ा सकते हैं तो उनको अलग से कोई पार्टी बनाने की जरूरत नहीं है धन्यवाद
Kisan,Journalist,Marathi Writer, Social Worker,Political Leader.
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क्या नरेंद्र मोदी को अपनी खुद की पार्टी बना लेनी चाहिए यह कल्पना ही विचित्र लगती है क्योंकि इस देश का सबसे बड़ा पद उन्होंने दो बार बार हासिल किया है उस पर काम किया है अभी से बड़ा नुकसान और क्या हो सकता है और क्यों उनकी उम्र क्या है अब उन्होंने अगर पार्टी बनाए तो उसको सत्ता में आने के लिए 30 साल तो लग जाएंगे कम से कम अगर वह सफल हो तेरे होते रहे तो तो ऐसी कोई गलती कभी नहीं करता है और महत्वपूर्ण हो जो बात है अब उनकी जो लोकप्रियता है उनका जो बाबू पद है वह केवल उनका नहीं है उनके साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उद्योग जगत और मीडिया रहा है अगर उन्होंने दूसरी पार्टी निकाली वीर तीनों लोग हैं उनका समर्थन वापस लेने तुम की पार्टी को वोट भी ज्यादा नहीं मिलेंगे तुमको तो लोकसभा की सीटें भी बहुत मतदाता संघ जो होते हैं चित्र होते वह भी बहुत बड़े होते हैं ना में जनसभा के क्षेत्र में बहुत बड़े होते हैं अभी चुनाव जीतना तीन चीजों पर डिपेंड डिपेंड करता है एक money2india इंडस्ट्रियलिस्ट्स पहुंचाते हुए लोगों को मसल एक मां की ताकत हम उसको कहते हैं कह सकते हैं ज्यादा से ज्यादा लोग उसके साथ साथ हैं और अच्छी बुरी सभी प्रकार की ताकत है छठवां भाग तीसरा इस राजू भगवता इंडिया एटीएम होते हैं और मीडिया जो है और लोगों की मानसिकता भी बनाता है और किसी को नेता की प्रतिमा दिलाता है प्रधानमंत्री पद की भी प्रतिमा जिला का है और यह लोगों के साइकोलॉजी पर रिपीट करता है और जो मीडिया में आता है ज्यादा करके लोग हो सीमांत या उस तरफ हो जाते हैं तो मीडिया भी उनके साथ होना पड़ेगा और वह तो रहे एक सन्यासी तो इन चीजों को इकट्ठा करने के लिए उनको आज के पद का कुछ फायदा होगा लेकिन ज्यादा फायदा नहीं होगा जिस तरह से अन्ना अन्ना जी हजारी विधानसभा का भी चुनाव जीत नहीं सकते एपीजे अब्दुल कलाम भी विधानसभा के में कभी चुनाव नहीं लिख सकती शक्तिशाली यह कोई वैज्ञानिक हो या कोई साहित्यिक हो या कोई साधु संत हो या कोई समझती हो फिर भी वह सजा जो विधानसभा का चुनाव है यहां तक कि गांव का चुनाव जो होता है वह भी जीतना मुश्किल होता है इसका कारण है कि भारत में डेमोक्रेसी जो है लोग सही जो है उसकी चलो अभी तक लोगों तक पहुंच नहीं है एक लोक साहित्य समाज अभिनव बना नहीं है अभी भी संकुचित सोच वाला समाज है थोड़े से पैसे लेकर खाना शराब लेकर अपना वोट दबाव में दहशत में ले लेते हैं पूरे राष्ट्र के हित में क्या आवश्यक है अभी तक यह काम अन्नदाता नहीं जानता है उसको मालूम भी नहीं होता है कि देश में देश कहां है डिस्क के पड़ोसी कौन-कौन से हैं यह भूगोल के गोल पर दक्षिण पूर्व पश्चिम कहां पर स्थित है स्थित है भारत में किस तरह के राज्य किस तरह के समाज है किस तरह के धर्म जाति है ऐसी जानकारी इस तरह की जानकारी होती है और लोगों को 95% लोगों को मालूम नहीं होती है जो लोग मोदी को फिर से अकेले शुरुआत करनी पड़ेगी जो लगभग इसलिए उन्होंने अपनी खुद की पार्टी कभी बनाने नहीं चाहिए और प्रधानमंत्री को चौक पर तुमको मिला है तो कोई जरूरत भी नहीं है
उदार लोकतांत्रिक व्यवस्था में राजनीतिक दल सत्ता प्राप्त करने का माध्यम होते हैं वे अपने उद्देश्य अपने मित्र अपने लक्ष्यों की पूर्ति के लिए चुनाव लड़ते हैं और नरेंद्र मोदी इस समय राजनीतिक सत्ता प्राप्त किए हुए हैं उनके हितों की पूर्ति चुनाव जीत कर रही इसलिए उन्हें किसी बॉडी बनाने की कोई आवश्यकता नहीं है वास्तव में कोई व्यक्ति नहीं पार्टी तब बनाता है जब वह किसी पार्टी में उपेक्षित हैं किसी पार्टी की लोकप्रियता को नकारा जाता हूं उसकी प्रतिभा को दरकिनार करने के लिए गुटबाजी की जाती है ऐसी कोई भी स्थिति नरेंद्र मोदी के साथ नहीं उनकी लोकप्रियता उनकी पार्टी में और वर्तमान देश में जगजाहिर कोई इसमें संदेह नहीं है इसलिए नई पार्टी बनाने की कोई आवश्यकता है हालांकि ऐसे उदाहरण भारतीय राजनीति जगत की गुटबाजी के चलते एक नई पार्टी बना लेते हैं या अपने राजनीतिक तुच्छ स्वार्थों के कारण एक पार्टी से दूसरी पार्टी में चले जाते हैं आजादी के बाद से लेकर अब तक सैकड़ों हजारों की संख्या में मौजूद वास्तव में यह कोई व्यवस्था नहीं है जिसमें व्यक्ति एक पार्टी से दूसरी पार्टी में एक राजनीतिक पद के लिए जाता है हम आशा करते हैं कि पार्टियां अपने लोकतांत्रिक व्यवस्था में थोड़ा ससुरा जलाएंगे और ऐसे नेताओं को आगे बढ़ाएंगे यू योग्य उनकी योग्यता और प्रतिभा इस देश को उत्थान के मार्ग प्रशस्त करें हालांकि वर्तमान समय में 40 से 50% अपराधिक प्रवृत्ति के हैं जिन पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं ऐसे में यह जिंदगी जहां तक बात नरेंद्र मोदी के तूने नई पार्टी बनाने की कोई आवश्यकता नहीं है वर्ष पार्टी को नदी की तरह एक आत्ममंथन और आप स्वच्छता की जरूरत है जिससे पार्टी में जाने की पूर्ति की जाती
कल पूछा गया है क्या नरेंद्र मोदी को अपनी खुद की पार्टी बना लेनी चाहिए तो देखिए मेरा मानना है कि अगर कोई व्यक्ति अपने कुछ करना चाहता है अपने देश के लिए तो उसको किसी पार्टी की आवश्यकता नहीं आज के समय में नरेंद्र मोदी ऐसा चेहरा है कि जिसको पूरी जनता जानती है पूरी बीजेपी जो है नरेंद्र मोदी पर टिकी हुई है तो उनको अपनी खुद की पार्टी बनाने की कोई जरूरत नहीं है और जहां तक मेरा मानना है कि नरेंद्र मोदी काफी अच्छा काम कर रहे तू वह अकेली इस के योग्य है कि हो सकता है कि वह अगले चुनाव में भी प्रधानमंत्री बन जाए उनको किसी भी अन्य पार्टी को बनाने की आवश्यकता नहीं है उम्मीद करती हूं आपको मेरा जवाब पसंद आया होगा धन्यवाद
हेलो दोस्तों स्वागत है आपका आपका प्रश्न है क्या नरेंद्र मोदी को अपनी खुद की पार्टी बना लेनी चाहिए तो फ्रेंड से नरेंद्र मोदी जी जिस तरह से देश के विकास के लिए कार्य कर रहे हैं और वे खुद इतना अच्छा जाना माना चेहरा है और उन्हीं की बदौलत बीजेपी आगे बढ़ी है तो मुझे नहीं लगता कि नरेंद्र मोदी को अपनी पार्टी बनाना चाहिए उन्हें अच्छा काम करने के लिए किसी ऐसी पार्टी की जरूरत नहीं है वे बीजेपी में है और बीजेपी में ही रहेंगे और उसी में खुश हैं और वे बीजेपी के लिए ही काम करते हैं बीजेपी की पार्टी ही उन्हीं की पार्टी है वह वे उसे ही अपना मानते हैं तूने अलग से पार्टी बनाने की कोई जरूरत नहीं है उनका चेहरा ही है भारत में दुनिया में काफी है मोदी जी बहुत अच्छे इंसान हैं और वे देश के लिए बहुत अच्छा काम कर रहे हैं धन्यवाद
हेलो फ्रेंड स्वागत है आपका आपका प्रश्न है कीवी खाने के क्या फायदे होते हैं तो फ्रेंड्स की भी बहुत ही अच्छा फ्रूट होता है और यह सर्दियों में मिलने वाला फल होता है और इसमें बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं बहुत सारे विटामिन होते हैं और इसमें विटामिन सी भी होता है कि भी मैं और की भी हमारे शरीर में खून में जो प्लेटलेट होते हैं उसे बहुत तेजी से बढ़ आता है जब भी किसी को डेंगू मलेरिया कोई बुखार हो जाता है और उसके प्लेटेड स्कर्ट जाते हैं तो अगर व्यक्ति भी खाए तो उसकी प्लेटलेट्स बहुत तेजी से बढ़ते हैं तो कीवी बहुत ही अच्छा फ्रूट होता है और भी बहुत की भरपूर गुणों का खजाना होता है उसमें तो आपकी भी खा सकते हैं आराम से दिन में एक या दो कि भी खाइए आपके फोन में जो प्लेटलेट्स तरह बढ़ेगा और आपकी ब्लड में बहुत ताकत आएगी तो फ्रेंड सब को जवाब अच्छे लगे तो लाइक कीजिएगा धन्यवाद
नमस्कार मैं ब्रहम प्रकाश मिश्र आपका बोलकर पर हार्दिक स्वागत करता हूं आपका प्रश्न है सामाजिक स्वास्थ्य क्या है तो मित्र आधुनिक समाज अविश्वसनीय रूप से भूखी है और एक व्यक्ति कभी कभी उसे अस्तित्व की असुविधा जनक की स्थितियों और उनके लिए बातचीत के लिए अनुकूल बनाना मुश्किल पाता है और यह अन्य लोगों की मंडली में उनका अनुकूलन है जो यह निर्धारित करता है कि उनके सामाजिक स्वास्थ्य कितने शक्तिशाली हैं इस परिभाषा को स्पष्ट रूप से व्याख्या करना मुश्किल है पर इसे एक स्पष्ट पद देने के लिए इसमें क्योंकि कई घटक शामिल होते हैं और प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग-अलग कार को और परिस्थितियों का अनुकूलन हो सकता है सामाजिक अनुकूलन के मुख्य घटकों को समझने की कोशिश करने में हम जिन तत्वों को पाते हैं तो वे निकलकर यह आता है कि सामाजिक स्वास्थ्य एक व्यक्ति पूरे समाज या उसके व्यक्त समूह पर निर्भर करता है तो मित्र जय जवाब अच्छा लगा हो तो कृपया सब्सक्राइब लाइक शेयर और कमेंट करके जरूर बताएं धन्यवाद
कुछ लोग जैसे वैसे लोगों को दिखाने में सकुचाती क्यों है कि दूसरों के नजरों में अच्छा बनने की कोशिश करते हैं आप सुंदर देखना चाहते हैं आप अपने आप को स्वस्थ और हेल्दी और ब्यूटीफुल दिखाने की कोशिश करते हैं अपनी जो है याद करके अपने कपड़े पहने हुए करने के इच्छुक नहीं होंगे पर क्या चीज टाइप बगैरा सूट I3 पहन रखा तो लोग आपसे मिलने की और बात करने की इच्छा जाहिर करेंगे क्योंकि वह सोचेंगे कि आप कोई ना कोई बड़े आदमी दिखाना जो है आजकल के दौर के अंदर हर किसी का और यही कारण है कि जो दिखावटी जो दुनिया है इसके अंदर हम लोग फंसे हुए हैं तो आज आप हो या कोई और वह हर कोई व्यक्ति स्मार्ट बनना चाहेगा अपने आपको अच्छी तरीके से कपड़े इत्यादि सब जैसा है वैसा ही दिखाएंगे
प्रिया सम्मोहन विद्या द्वारा किस तरह से किसी के मन को वश में कर लिया जाता है दोस्तों सब बिल्कुल भी नहीं है सम्मोहन विद्या वगैरह कुछ नहीं है परंतु आपको कुछ जरिया केमिकल जो इत्यादि होते हैं उन के माध्यम से आप किसी को भी अपने वश में तो कर सकते हैं परंतु उसकी जो मानसिकता जो है उसकी रियल लाइफ में उसको बस में नहीं कर सकते हैं आप किसी व्यक्ति को कोई शहर या कुछ केमिकल 41 लूंगा करके या किसी और तरीके से अपने वश में कर सकते हैं परंतु जो सम्मोहन विद्या ए ऑफिस से दूर रहिए क्योंकि यह जो ऐसी कोई विद्या नहीं है यह सिर्फ आपको किताब के अंदर भी देखने को नहीं मिलेगी परंतु धार्मिक किताबें उनके अंदर आपको देखने को मिल जाएगी कोई जादू टोने की जो चीजों की उम्र में देखने को मिल जाएगी परंतु कुछ भी चीज नहीं है आप किसी को केमिकल के माध्यम से लोगों का ब्रेनवाश करके आप जरूर किसी को वश में कर सकते हैं परंतु
देखे किसी में दिमाग कम है या फिर किसी में ज्यादा होता है इसका कोई ऐसे मजा नहीं है हरेक लोगों का मतलब निरंतर हर एक कर लो काम माइंड पावर डिफरेंट होता है और और और और चिकन चीज है कि कुछ लोगों का न्यूट्रिशन के चमक को बचपन से मिलता है उसी के ऊपर भी उनका दिमाग के पावर को उत्पन्न करता है जैसे कि बहुत टाइम हम देखते हैं कि बच्चों को हमेशा मां के पेट में जब रहता है तो उस माता को ज्यादा खाना दिया जाता है ज्यादा एल्बम्स वगैरा और अच्छा से खाना दिया जाता है या फिर बच्चे के टाइम पर होने टाइम पर उनको ज्यादा सही प्रकार की पोस्ट खाना दिया जाता है इसीलिए क्योंकि उनका मानसिक विकास रहते हो पाए इसलिए हम बोल सकते हैं कि कुछ लोगों का दिमाग का भार सही ज्यादा होता है कौन किस लोगों का कम होता है और चिकन जितने भी बोलना कि कुछ कुछ लोग ज्यादा मेडिटेशन करते हैं माइंड को बहुत टेबल करते हैं बैलेंस करते तो कहीं ना कि उनका माइंड अच्छे से चलता है ठीक है तो इसीलिए मोहब्बत नाटक राज कर सकते हैं कि लोगों के दिमाग कैसे तेज अलग होता है लेकिन मैं पूरी तरह से ये बात मैं सहमत नहीं हूं कि आपकी माइंड का सार अपने साहब की बचपन पर है यह से मैं नहीं बोल सकता हूं तो आप चाहो तो अपने माइंड का साथ में स्पीड बढ़ा सकते हैं धन्यवाद
करियर का सवाल है क्या मर जाना है सभी समस्याओं का समाधान लिखो एक चीज तो है मर जाना आपने कहा मर जाना तो अपनी इच्छा से मरना बहुत गलत होता है जब ऊपरवाला कहते हैं कि जब पूरी जिंदगी हकीकत एक सुख-दुख इंसान ठोक के जब मरता है वह चीज होती है और उसमें समस्याओं से माना तो यह बता कि आदमी जो चलते फिरते मर गया उसकी उम्र पूरी हो गई वह मर गया तो उसका समाधान होगा जो चला गया ना कि समाज का समाधान हुआ ना उसके बेटे समाधान हुआ उसके बेटी समाधान वह सब का समाधान जब होता है जब जो घर में परेशानियां होती उनका निवारण हो जाता है जब ही उनकी समस्याओं का समाधान होता है समाधान वह नहीं कि आप सोचें कि आखिरी स्टेट है आज मर जाए उसके बाद हम से कोई तगादा करेगा नमाज समस्या रहेंगे उस सब कुछ सब जानते हैं मेरे पीछे कौन देखता कौन नहीं देता है और समस्या कुछ नहीं दिया तूने समस्याएं आपके लिए तो नहीं रहेगी आप चले गए आप मर गए चले आप समस्या का समाधान हो गया जो आप नहीं हो लेकिन जो आपके पीछे खड़े हैं जो आपके बच्चे हैं या फिर पति या पत्नी है आपकी और मां है पिता है भाई है उनके उपर समस्याएं आती हैं तो बस समस्या उनकी हो जाती है अगर उसकी समस्या समाधान एक अच्छे तरीके से करके जाए और जो है मर जाना ना सोच कर एक अच्छी समस्या समाधान करके जाए तो अच्छा है मर जाना एक से सभी समस्या समाधान नहीं है फिर जो इंसान खुद मर कर चला गया उसकी समस्याएं भी चली गई समस्या मेरी समस्या नहीं होती इंसानों पर नहीं समझते हैं तो बहुत कम होती हैं समस्याएं भी उत्पन्न होती है वह समाज से उत्पन्न होती हैं घर से उत्पन्न होती हैं और अपने कुटुम समाय मेरा कहना है मर जाना ही समस्याओं का समाधान नहीं है
छोटी-छोटी बातों को और हमको चिढ़ हो रहा है तो इसके लिए मैं आपको एक सलाह दूंगा कि ट्राई करिए ठीक है कोशिश करेगी ज्यादा शांत रहने के लिए ज्यादा शांत रहने के लिए ज्यादा था आप एक अपने आप में एक के टारगेट सेट करें कि मैं इन चीजों को ना ज्यादा नहीं बोलूंगा या फिर आज के दिन में में टोटल में एक व्हाट्सएप पर एक सौ सेंटेंस बोलूंगा एक सौ बार क्यों बोलूंगा जिससे ज्यादा नहीं बोलूंगा तो इतने क्या होगा ना कि हमारी माहित को माइंड का हमारे मुंह साइलेंट रहेगा तो मेरे माइंड भी उसके बाद में थोड़ी शांति बन जाएगा और जब मन शांत बन जाएगा तो बन जाएगा तो हम हर एक बातों को ना अच्छी तरह से हम सोचेंगे समझेंगे कि हां यह बात तो क्या है क्यों है कैसा है उसको जब आप अच्छे से समझेंगे तो हमको चैट नहीं आएगा और हम उसे सलाह निकालने क्यों मत दिमाग में कोशिश लेट होगा ठीक है हम खुद चाय कोशिश करने लगेंगे कि इस जो प्रॉब्लम सिस्को समाधान कैसे करेंगे ऐसा नहीं कि आप चैटिंग नहीं रे हम दे देंगे ठीक है तभी होता है जब हमको समझता नहीं है प्रकाश से जब प्रॉब्लम पाया जब कोई चीज हम सुनील समझे तो फटाक चमन सरधना स्टार्ट कर दिए थे टिकट कब का मतलब ही बोलते हैं इंग्लिश में कि कुछ ना सोचे समझे उसको एक संदेश देते हैं तो इसी तरह में बोलना चाहूंगा कि हम अपने आप को रखना सिखाइए टिकट लेने कि आप चैट करो नहीं होगी लेकिन दूसरे जिलों में भी बेकार की बातें करते हैं जब आप फालतू की बकवास वगैरा करते हैं ठीक है हमें तो अपने को कंट्रोल करेगी थोड़ा शांत रहिए जब आप शांत करें ना पेक्टिस करोगे उसके बाद आपको ज्यादा चैट नहीं रहोगे और यह मेरा पर्सनल मैं यह प्रश्न टेक्स्प्रिंट्स चली तो इस हिसाब से मैं आपको सलाह दे रहा हूं
के समाज में जब आज कल की है जो झूठ फैलाया जा रहा है काफी इसका लिए बस के लिए बड़ी आगे की भूमिका निभा रहे हैं हमारे जो मीडिया हाउसेस यूटीवी है इसमें कहीं ना कहीं बहुत प्रकार की छूट छूट को फैलाया जा रहा है तो इसलिए मेरा हमेशा आपको राय है कि आप जब टीवी वगैरह को देख रहे हैं तो आपके अंदर में कंटेंस को दिखाइए जो धर्म के ऊपर हो जो जाति के ऊपर की हो जो देश के ऊपर क्यों जो आपको गुस्सा आंगन इससे देने वाली काम होते उनसे अपने आपको पहले दूर रखा है और दूसरी बात क्या है क्या आपके पास गूगल है आपके पास एक फोन है क्या ऑफ इंफॉर्मेशन से तो आप जो भी आपको जानना है ना आप उसको गूगल में रिचार्ज करिए उसको पढ़ उसको इंफॉर्मेशन स्कूल लीजिए और उसके पीछे थोड़ी रिचार्ज करें एक छोर से कभी भी मत देखना 500 उसको मिलाकर हमेशा इंफॉर्मेशन को लेना ठीक है सूचना को लेना तभी आप एक के झूठ तो झूठ फैलाया जा रहे साइड में उससे आप बच पाओगे नहीं बच पाओगे
क्या नरेंद्र मोदी को अपनी खुद की पार्टी बना लेनी चाहिए, नरेंद्र मोदी को अपनी खुद की पार्टी