आज आपका सवाल है कि सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन की तुलना तबलीगी मरकज से क्योंकि तू दिखे हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने यह किसान आंदोलन को लेकर गुरुवार को उन्होंने चिंता जाहिर किया उन्होंने कहा कि उन्हें कितना सिम डालने कितनी फिक्र हो रही है क्योंकि यह आंदोलन कब से चलती आ रही है साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि ए किसान आंदोलन 2020 में दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में उत्पन्न हुई है जहां पर तबलीगी जमात जैसी स्थिति बना सकता है तो उनका मानना है कि जहां से उत्पन्न हुई है निजामुद्दीन इलाके से तो शायद यह तबलीगी जमात जैसी स्थिति जैसे था वैसे बन सकता है तू इसलिए उन्होंने यह किसान आंदोलन को तबलीगी जमात जैसे उन चीजों से तुलना की
देखिए तबलीग जमात की जो भी हुआ था इसको मीडिया और कमेंट में इतना बेकार परजेंट किया था कि उनकी वजह से भारत में कोरोना स्प्रेड हो गया लेकिन वह सही नहीं था वह मीडिया लोगों के बीच में हमारी तरह स्क्रीट करवा रहा था मुसलमान सॉन्ग के मुसलमान गलत है यह कैंडल स्ट्रेट करवा रहा था यह और इतने कमेंट कभी कहीं ना कहीं परीक्षा में सपोर्ट मीडिया जो सेट किया था तो बाद में वह हो हमारी हाई कोर्ट्स वगैरह उसको औरंगपुर किए थे कि तबलीग जमात की वजह से कोई करना स्टार्ट हुआ नहीं है इसी तरह ही एक किसान आंदोलन को भी हमारी मीडिया काफी फटकार लगा रहे हैं मीडिया से अपने आप ही बोल रहे हैं कि किसान आंदोलन रहोगे गलत है तो सुप्रीम कोर्ट ने इस बात को सेम तुलना क्या कि देश में क्या सही क्या गलत है यह मीडिया मीडिया पहले से ही 10 मिनट दे रहा है और हम हम लोग जान नहीं पाते आज चली रिजल्ट क्या है क्योंकि लोग प्रोडक्ट कर रहे हैं लेकिन पहले नहीं मीडिया पर सभी लोगों को बता देता है कि राव के यह लोग गलत है तो इसीलिए उसको तबलीगी जमात के साथ में तुलना किया था
Kisan,Journalist,Marathi Writer, Social Worker,Political Leader.
6:58
सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन की तुलना तबलीगी मरकज से क्योंकि है कोई हास्यास्पद बात है और अगर सच में सुप्रीम कोर्ट द्वारा ऐसे क्या जाता है तो इसका मतलब यह है कि सुप्रीम कोर्ट किसी साजिश में हिस्सा ले सकता है तो तबलीगी मरकज उसका मतलब क्या है लोगों को मालूम नहीं इसका मतलब जैसे विपश्यना शिविर होता है कि जो लोग शराब सेटिंग से शिवपुरी किशोर में बर्बाद हो रहे हैं मानसिक रूप से ठीक नहीं है या हिंसक प्रवृत्ति में ज्यादा है कैसे लोगों को भेजते हैं वहां एक साथ वापस कुछ दिन वह धार्मिक साधना करते हैं और उसके लिए वह जमा हो जाते हैं और उसको सरकार इजाजत दे देते हैं भारत में भी मर तबलीगी मरकज को केंद्र सरकार ने इजाजत दीजिए उनका कार्यक्रम करने के लिए और किसानों का जो आंदोलन एक बिल के खिलाफ एक कानून के खिलाफ जो केंद्र सरकार ने बिना चर्चा के समग्र में बहुमत बहुमत होने का फायदा लेकर यह तो अपने कि किसानों के ऊपर प्रयास सरकार ने किया है और उसके लिए पहले तो 2 दिन राज्य के किसानों ने विरोध किया बाद में पूरे देश से किसानों का विरोध हो रहा है एचटीसी में अन्य कोई देश होता तो वह लोग भावना को देखकर ऐसे कानून पीछे लेता अमेरिका में पहले वोटिंग मशीन का प्रयोग किया गया था कुछ-कुछ इतने बड़े लोगों ने इस पर आशंका जताई अमेरिकन सरकार ने बंद करके बैलेट पेपर से चुनाव लेने का फैसला किया लोगों की बात सुनी सुनी जाती है भारत में ऐसा नहीं है भारत में बीजेपी सरकार को दशरथ कर रही है सही वाला सरकार बता बताते हैं आरोपित करते लेकिन इसके पहले वाले भी सरकार इसी तरीके से खेती रही है और उनको किया गया विरोध होगा उस समय मुझे इतना तो तुमको पता नहीं हो सका और यह समाज समाज व्यवस्था है इसमें मेजॉरिटी को जो लोग जनसंख्या में अस्सी नब्बे 90% है उनके ऊपर सामाजिक नियम उनके द्वारा ही दबाया गया है और यह लगभग 2000 साल से हो रहा है इसके रूप बदल गए लेकिन यह प्रवृत्ति वही है जो आज भी सरकार में है और विपक्ष में भी है और सारी जो सरकारी स्टेशंस है उनमें भी अब सीबीआई और कोर्ट में से हैं जो इंस्टीट्यूशन है उन्होंने उन्होंने भी कई बार उनके कार्य पर आशंका जताई गई है इसके बारे में लिखा भी गया है जाहिर तौर से रोज किया गया है आरोप किया गया है यह बातें हमारे सामने अगर सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा निर्णय लिया है तो बहुत गंभीर बात है और देश के लिए बहुत घातक है तुम कि अब तक दो न्यायपालिका थी उसके विश्वास रहता सबसे ज्यादा थी लेकिन वह दिन-ब-दिन की तरह बिखर खत्म हो जाए तो इस देश की स्थिति बहुत खराब हो सकती है आप हुकुम सही आ सकती है या का सविधान भी खत्म किया जा सकता है इस बातों को हमें समझ लेना चाहिए धन्यवाद
Kisan,Journalist,Marathi Writer, Social Worker,Political Leader.
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सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन की तुलना तबलीगी मरकज से क्योंकि है कोई हास्यास्पद बात है और अगर सच में सुप्रीम कोर्ट द्वारा ऐसे क्या जाता है तो इसका मतलब यह है कि सुप्रीम कोर्ट किसी साजिश में हिस्सा ले सकता है तो तबलीगी मरकज उसका मतलब क्या है लोगों को मालूम नहीं इसका मतलब जैसे विपश्यना शिविर होता है कि जो लोग शराब सेटिंग से शिवपुरी किशोर में बर्बाद हो रहे हैं मानसिक रूप से ठीक नहीं है या हिंसक प्रवृत्ति में ज्यादा है कैसे लोगों को भेजते हैं वहां एक साथ वापस कुछ दिन वह धार्मिक साधना करते हैं और उसके लिए वह जमा हो जाते हैं और उसको सरकार इजाजत दे देते हैं भारत में भी मर तबलीगी मरकज को केंद्र सरकार ने इजाजत दीजिए उनका कार्यक्रम करने के लिए और किसानों का जो आंदोलन एक बिल के खिलाफ एक कानून के खिलाफ जो केंद्र सरकार ने बिना चर्चा के समग्र में बहुमत बहुमत होने का फायदा लेकर यह तो अपने कि किसानों के ऊपर प्रयास सरकार ने किया है और उसके लिए पहले तो 2 दिन राज्य के किसानों ने विरोध किया बाद में पूरे देश से किसानों का विरोध हो रहा है एचटीसी में अन्य कोई देश होता तो वह लोग भावना को देखकर ऐसे कानून पीछे लेता अमेरिका में पहले वोटिंग मशीन का प्रयोग किया गया था कुछ-कुछ इतने बड़े लोगों ने इस पर आशंका जताई अमेरिकन सरकार ने बंद करके बैलेट पेपर से चुनाव लेने का फैसला किया लोगों की बात सुनी सुनी जाती है भारत में ऐसा नहीं है भारत में बीजेपी सरकार को दशरथ कर रही है सही वाला सरकार बता बताते हैं आरोपित करते लेकिन इसके पहले वाले भी सरकार इसी तरीके से खेती रही है और उनको किया गया विरोध होगा उस समय मुझे इतना तो तुमको पता नहीं हो सका और यह समाज समाज व्यवस्था है इसमें मेजॉरिटी को जो लोग जनसंख्या में अस्सी नब्बे 90% है उनके ऊपर सामाजिक नियम उनके द्वारा ही दबाया गया है और यह लगभग 2000 साल से हो रहा है इसके रूप बदल गए लेकिन यह प्रवृत्ति वही है जो आज भी सरकार में है और विपक्ष में भी है और सारी जो सरकारी स्टेशंस है उनमें भी अब सीबीआई और कोर्ट में से हैं जो इंस्टीट्यूशन है उन्होंने उन्होंने भी कई बार उनके कार्य पर आशंका जताई गई है इसके बारे में लिखा भी गया है जाहिर तौर से रोज किया गया है आरोप किया गया है यह बातें हमारे सामने अगर सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा निर्णय लिया है तो बहुत गंभीर बात है और देश के लिए बहुत घातक है तुम कि अब तक दो न्यायपालिका थी उसके विश्वास रहता सबसे ज्यादा थी लेकिन वह दिन-ब-दिन की तरह बिखर खत्म हो जाए तो इस देश की स्थिति बहुत खराब हो सकती है आप हुकुम सही आ सकती है या का सविधान भी खत्म किया जा सकता है इस बातों को हमें समझ लेना चाहिए धन्यवाद
हेलो फ्रेंड स्वागत है आपका आपका प्रश्न है सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन की तुलना तबलीगी मरकज से क्योंकि है आपको पता होगा दिल्ली में जो तबलीगी मरकज जमाद जो यह कोरोना के समय हुआ था तो उन्हीं के ऊपर कोरोनावायरस लग गया था कि इन्हें तबलीगी जमात के लोगों ने ही करो ना ज्यादा फैलाया है लेकिन ऐसा नहीं था उनके ऊपर नाम लग गया और मीडिया ने उसे बहुत बढ़ा चढ़ाकर बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें निर्दोष साबित कर दिया क्योंकि कोरोनावायरस सारी वजह से पहला था खाली होने की वजह से नहीं पहला था इसी प्रकार जो किसान आंदोलन चल रहा है किसी भी मीडिया अपने हिसाब से सही गलत ही सब बताने में लगी हुई है तो इसीलिए सुप्रीम कोर्ट ने दोनों की तुलना की है कि यह तबलीगी जमात जैसे किसान आंदोलन को भी बता रहे हैं क्या सही है क्या गलत है अपने मन से ही निर्णय देने लगती है मीडिया की क्या सही है क्या गलत है इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने तुलना की है तो आपको जवाब अच्छी लगे तो प्लीज लाइक करिए का धन्यवाद
हेलो फ्रेंड स्वागत है आपका आपका प्रश्न वैज्ञानिक अब तक कितने नए ग्रहों की खोज कर पाए हैं तो फ्रेंड्स अभी तक वैज्ञानिक 219 नए ग्रहों की खोज कर के लिए हैं और कुल मिलाकर अब पूरे कुछ करने वाले ग्रह 4000 तक 29 को हमारा जवाब पसंद आए तो प्लीज लाइक जरुर करिएगा धन्यवाद
साहित्यकार, समीक्षक, संपादक पूर्व अधिकारी विजिलेंस
0:31
भैया अंग्रेजी की इनसाइक्लोपीडिया तो बहुत बड़ी है और बहुत से ऐसे शब्द हैं जिनको हम रोज अपने बोलने में इस्तेमाल करते हैं जैसे सबसे बड़ा सच तो यह है कि सारी कोई भी गलती कर दे सॉरी और सारी मैं आजकल को क्षमा करना कोई नहीं कहता प्यार मैं तुमसे प्यार करता हूं कोई नहीं कहता हूं कि आई लव यू किस लिए सबसे ज्यादा प्रसिद्ध शब्द हैं वह सॉरी शब्द
हेलो एवरीवन आपसे पूछा है कि हवन है और है इसका यूज कब करते हैं तो मैं बता दूं कि हैव का यूज टू है प्लूरल के साथ किया जाता है और है इसका यू सिंगल के साथ किया जा सकता है जैसे एग्जांपल भी होता है जोकि प्लूरल होता है उसके साथ हम है आपका यूज करते हैं बीते यू यह किताब का यूज करते हो और जबकि होता है यही होता है 88 होता है इसके साथ आपका यूज करते हो इससे मिला है आई होप आपको मेरा नाम पसंद आया होगा विशाल
कौन सी चीज हमेशा फैशन फैशन में रहेगी चाहे कितना ही समय क्यों न विजय जो आपकी सिंपलीसिटी होती है वह हमेशा ही फैशन में रहती है सिंपलीसिटी हमेशा ही होती है और एक किस नहीं जमाना क्यों ना बदले चाहे जहां पर खेलो की आजादी के पहले की बात कह दो वह आजादी के बाद की बात कह दो यार अभी करंट टाइम में भी जो इंसान रहता है सिंपल से बात को कहना जानता है वह हमेशा ही ट्रेंडी लगता है हमेशा ही फैशनेबल लगता है वह सब कोई पसंद आता है और लोग उसी को फॉलो करते हैं फैशन क्या है आप किसी ऐसे इंसान को देखते हो जो वह जिसको आप रोल मॉडल मानते हो जबकि ज्यादातर सिंपल होते हैं वह जो चीज पहनते हैं वह फैशन में हो जाती फैशन फैशन क्या वह किसी बेकार इंसान को देखकर फॉलो करते हो नहीं बस सेलिब्रिटी है जो जिसकी कोई पहचान है उसी को आप हेलो करती हूं अगर वह कुछ भी आपको सामने पहनने तो दादा दादा हमको देखोगे तो सिंपल ही रहते हैं आपको मेरे अंदर पसंद होगा वही वाला है
सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन की तुलना तबलीगी मरकज से क्यों की, किसान आंदोलन की तुलना तबलीगी मरकज से