हेलो विवान तो आज आप का सवाल है कि समाज की महिलाओं के प्रति के किस सोच को बदलना चाहिए हिसाब से महिलाओं को समझा जाता है कि नहीं वह आगे नहीं बढ़ सकती ऑफिस नहीं पढ़ लिख सकती या फिर उनके अंदर यह क्षमता नहीं है तो ऐसा नहीं सोचना चाहिए उनको भी उतना इक्वल ट्रेन करना चाहिए और दूसरा देखिए जब लड़की बाहर घूमती है या फिर बातचीत अगर किसी से करती है तो लोग सोचते हैं गलत नजर से देखते हैं क्या किसी लड़के से बात कर रही हो हां होगी या फिर रिलेशन होंगे इसके या फिर इसके फ्रेंड्स नहीं कोई और होगा तो वहीं अगर लड़का बात करना है तो ऐसा नहीं सोचते तो मेरे हिसाब से यह सोच को भी बदलना चाहिए लड़की के भी दोस्त हो सकते हैं लड़की के भी फ्रेंड सो सकते वह भी बाहर निकल सकती बातचीत कर सकती है खेलकूद सकती है ऐसा नहीं है कि हां अगर वह बाहर निकली है तो उनके गलत इंटेंशन शो लड़की की गलत इंटेंशंस नहीं होते तो उन्हें रोकना नहीं चाहिए उनकी भी क्षमता होती है लड़की की भी जो भी पढ़े लिखे आगे बढ़े और उनके मतलब बारे में ऐसा नहीं सोचना चाहिए कि हमेशा वह किसी से गलत का मतलब तरीके से ही बात कर रही है या फिर अगर वह बाहर निकल रही है तू किसी लड़के से ही बात करें ऐसा सोच सोच बहुत समाज सोसाइटी में रहता है मतलब देखते हैं ऐसे नजर से कि आई ए सी सी बात करते सारे एक जगह होता है मैक्सिमम जगह होता है यह सोच को बदलना चाहिए और उनको भी ऐसा सोचना चाहिए कि हां लड़की भी आगे बढ़ सकती है पढ़ सकती है और लड़कियों को भी वह अपॉर्चुनिटी देना चाहिए कि वह भी खुद को प्रूफ कर पाए
आपदा वाले की समाज की महिलाओं के प्रति किस सोच को बदलना चाहिए है मेरे हिसाब से हमेशा समाज को कोशिश करनी चाहिए है कि महिलाओं के प्रति जो उनका रवैया है जो कहते हैं कि हमेशा लड़का लड़की कमाल 11 जैसे-जैसे देनी चाहिए है एक जैसा पालन पोषण करना चाहिए एक जैसा व्यवहार करना चाहिए यह चीज दूसरों को ना कह कर के वह अपने खुद के घर की महिलाओं पर अगर शुरू करना कर दें तो बहुत ज्यादा बेहतर रहेगा नहीं तो खुद के घर की बहू बेटियां हैं उनको तो वह कोई भी पार्टी देते नहीं है क अपने घर में तो वह हमेशा घर की महिलाओं को दबा कर के ही रखना चाहते हैं उनकी ना बात सुनते हैं और ना ही उनकी कोई बात को सुनना चाहते हैं ना समझना चाहते हैं और दूसरों के लिए बिल्कुल समझ में आ गया करके खड़े हो जाते हैं ऐसे सभी लोगों को सबसे पहले शुरुआत अपने घर से ही करनी चाहिए आपका दिन शुभ रहे थे नहीं बात
इस और जहां तक मैं समझता हूं आज के समय में बहुत से युवाओं को सोचना चाहिए या मैं पूर्ण समय में जो हमारी नई जनरेशन है उनको इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि जो हमारे समाज में जो महिलाएं हैं हमारी बहन बेटी है वह किस प्रकार बदल नहीं है किस प्रकार अपने हाथ में परिवर्तन ला रही हैं अगर पुराने समय की बात करो ना इसके लास्ट की तो उस समय में जो महिला होती थी उसका जो दौड़ था वह सिर्फ घर तक ही सीमित रह गया था वह अपना जो काम था उसको से एक काम पति को रोटी बनाना खिलाना 11 16 साल की उम्र में शादी कर ले लेकिन आज के समय में जो महिला है अब वह पुरुष से कम नहीं आया ऐसा बिल्कुल नहीं है कि एक महिला को घर के अंदर ही बिठाया जाए बिल्कुल नहीं अगर आप ऐसा कर रहे हैं तो आपको अभी यह सब बातों को ध्यान रखना चाहिए उन सब बातों को बोलना घुटना चिकी चिकी और कितनी शिक्षा और जितनी पढ़ाई का खर्चा मां अपने बेटे पर कर रहे हैं या अपने भाई पर कर रहे हैं उतनी ही शिक्षा और उतनी ही पढ़ाई अपनी बेटी पर अपनी बहन पर करें और उसको ऊंचाई शिक्षित बनाए जितना कि आप अपने घर में एक लड़के को बना रहे हैं उतना ही शिक्षक उस लड़की को यह बताएं कि आज के समाज में हम हमें इन सभी चीजों को बराबर लेकर चलना पड़ेगा आपको आज ही आज हिंदुस्तान से अमेरिका की एक फ्लाइट उड़कर गई है बेंगलुरु से अमेरिका की जिसका पूरा गुरु जी हां पूरा करो उसमें एक भी आदमी नहीं था उसमें सारी हमारे देश की पढ़ी-लिखी काबिल महिलाएं थी क्योंकि उस पूरे प्लेन को बेंगलुरु से बेंगलुरु से लिख रहा मैं थक गई थी जो कि आज के समय में बहुत अच्छा कदम है कोई महिला सशक्तिकरण को बहुत बढ़ावा देता है पर आज के समय में लोगों को अपने महिलाओं के प्रति जो बेकार पिछड़े विचार है उनको बदल के अच्छे नए विचार अपनाने होंगे ताकि जो हमारे देश है वह महिला महिलाओं के साथ साथ साथ आगे बढ़े
नमस्ते क्यों बदलने का बात आता है ना तो आदमी को सोच खुद देखकर बदलता है आप कितना भी जाकर समझा कि आप महिला के प्रति अच्छा सोच रखी है जागरूक रखिए रिस्पेक्ट दीजिएगा तारीख आप एयर फोर्स में है आप डॉक्टर में हैं आप टीचर है आप एक अच्छी पर्सनालिटी को कैरी करते हैं तो बस बात इतना है कि आप अपने आप को सही रखें आप अपनी जिंदगी में मुकाम प्राप्त कीजिए तो सामने वाली की सोच आपको देखकर बदल जाए थैंक यू
नमस्ते मैं अर्चना मिश्रा बोलकर है पर आपका बहुत-बहुत स्वागत करती हूं आपका प्रश्न है समाज की महिलाओं महिलाओं को के प्रति सोच कि सोच को बदलना चाहिए तो महिलाओं को महिलाओं की सोच हमेशा अच्छी ही होती है महिलाएं कभी गलत नहीं सोचती हैं बशर्ते मौका देना चाहिए जीवन में कि वे आगे बढ़ सके और कुछ कर सके तो महिलाओं को ही सोच बदलनी चाहिए कि उन्हें बाहर निकल कर अपने काम स्वयं करना चाहिए और राजनीति में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने चाहिए उन्हें हर विभाग में हर क्षेत्र में अपने विचार रखने चाहिए अपने विचार रखेंगे तो उनसे भी समाज का बहुत भला होगा और देश हमारा आगे बढ़ेगा तो महिलाओं को यही सोच बदलना चाहिए कि हम भी वह काम कर सकते हैं जो पुरुष कर सकते हैं उन्हें कभी भी अपने आप को पुलिस से कम नहीं समझना चाहिए और महिलाओं को अपने अंदर इतनी ताकत बना लेनी चाहिए इतना सशक्तिकरण रखना चाहिए कि कभी किसी से डरना नहीं चाहिए और रात में दिन में सब में काम करने में उनको झिझक ना हो पाए इतना उनको अपने बॉडी को स्ट्रांग बना लेना चाहिए तो मिस करती हूं जवाब अच्छा लगा होगा
Kisan,Journalist,Marathi Writer, Social Worker,Political Leader.
6:10
समाज की महिलाओं के प्रति किस सोच को बदलना चाहिए दुनिया ने बहुत सारी क्रांतिया देखी है एक्शन त्यागी रह गई है इसके अलावा और भी ज्यादा हो सकती है उनमें से एक शिक्षक है शिक्षा में अभी तक कांति कभी भी और कभी भी नहीं हुई उसकी संतर्पणा कुछ विद्वानों ने रखी भी है पुष्प पहले वाद्य है कि महिलाओं को सम्मान देना चाहिए मैं अपनी सोच है जिससे जब सोचता हूं ओरिजिनल 2016 चित्र देखता हूं तुमसे एक बात की कमी आती है महिलाओं को कभी सम्मान नहीं फैमिली में लिया जाता एक वक्त समाज से एक दिया जा सके दिया जाता है कि जगह पर घर में नहीं दिया जाता है मुझको ऐसे ही लिया जाता है इग्नोर किया जाता है उसकी सभी चीजों के बारे में तो सबसे पहले महिलाओं को सम्मान देना चाहिए गो जैसे पति-पत्नी को नाम से बुलाता है उसी तरह से पत्नी पत्नी को अगर नाम से बुलाए तो यह पहली पहली श्री होगी नहीं तो पति को पत्नी ने ऐसा ही आदर पूर्वक ठीक बोलना चाहिए और पति किसी भी तरह से बोल बोले सही बात है ऐसा माना जाता है समाज में स्त्रियों ने ज्यादा बाहर नहीं घूमना चाहिए सुरक्षा का मामला है ठीक ही ठीक है लेकिन कॉलेज में जाना है याद बाजार में जाना है या अपने फ्रेंड्स को मिलने जाना ऐसी बातों को मैं बातों के लिए मुंबई के बाहर ज्यादा समय तक जाना गलत बातें मानी जाती है तो उसको उसकी उसका स्वतंत्र स्वतंत्रता है उसको दिन देनी चाहिए और हम हमारे देश में ऐसा चित्र देखते हैं कि रुस्तम रुस्तम के ऊपर गांव गांव में शहर में पुरुष पुरुष दिखाई देते हैं प्रगत कम देशों में श्री और पुरुष दोनों ही दिखाई देंगे गांव में 200 पुरुषों में पुरुषों दिखाई देते हैं तब दुनिया 30 दिखाई देती है उसका मतलब क्या है इसका मतलब यह है कि उसको अपने घर में ही जैसे किसी को रखा जाता है उस तरीके से रखा जा रहा है अभी एक विकृत सोच है कि अगर किसी ने इसी के साथ बोला नहीं चाहिए किसी पुरुष के साथ तो अपनी काम की बातें तो उसको घर के बाहर गई तो करनी पड़ेगी अब वो करने से कोई भी तो नहीं हो जाती है सिर्फ बातें करने से या अपने कामकाज के साथ में काम करने से तो इस तरह की जो सारी प्रतिगामी सोचे हैं इन बच्चों को समझने बदल देना चाहिए अगर एक्सपी पड़ती है तो सारी फैमिली ज्ञानी बन जाता है तो वह सिर्फ ओके लगे नहीं बन जाता है ऐसा महात्मा फुले ने कहा था अभी देश में पहली बार अपने खर्चे से अपने घर लड़कियों को लड़कों को पढ़ाने की शुरुआत की थी इस देश में ऐसा भी हो सकता है कई लोग कहते हैं कि यह फलाना चीज कभी नहीं हो सकती वह हलना चीज कभी नहीं हो सकती नहीं हो सकती नहीं हो सकती नहीं हो सकता लेकिन हुआ है और बहुत जगह पर हुआ है बहुत बार हुआ है बहुत लोगों से हुआ है यह नहीं सोचते हैं इसलिए यह जो सोच है वह बदल देनी चाहिए धन्यवाद अगर आपको मुझे मेरा सवाल जवाब जो अच्छा लगा तो लाइक करें
यदि समाज की महिलाएं राजनीति में आ जाए तो जैसे महिला किशोर बढ़ेगी वैसे ही हमारा भारती मतलब की महिलाओं को राजनीति पार्टी में आना चाहिए और बढ़-चढ़कर अपना कार्य करना चाहिए तथा महिलाएं राजनीति में आने से डरते हैं जी सकते हैं घबराती है तथा इसको दूर करने की जरूरत था लेकिन हमें गाना चाहिए मेला में था कि आज होने वाले गोरे अत्याचारों छल कपट से कार्यों को महिलाएं ही रोक सकते हैं तथा महिला बढ़-चढ़कर राजनीति में अपना योगदान देवें तो बहुत अच्छा है महिला आगे बढ़ेगी तो महिला को आगे पीछे शिक्षा देना क्या रोहित सहायता राशि भी मिलेगी साथ ही समाज की बराबरी के लिए पुरुष के समान ही महिलाओं को भी समान अधिकार मिलना चाहिए से कई लोग ऐसे देखे जा रहे हैं वर्तमान में पत्नी पर पंच सरपंच मुखिया बन जाती है लेकिन इनके कार्य पति एवं भाई करते हैं ऐसा होना चाहिए तब जाकर हमें हमें महिलाओं को जागरूक करना चाहिए और महिला जागरूक होकर हमारे देश की शान बढ़ाई गई और अपना नाम रोशन करेंगे अर्थात बेटे का नाम रोशन करो
कुछ दिनों के पहले एक के आंगनवाड़ी वर्कर की आंगनवाड़ी वर्कर की यूपी में रेप हो गया था एक मंदिर के पुजारी के जरिए पुजारी के दौरान के बाद हमारे जो कॉमेंट कमीशन थे उनके वहां के एक महिला सदस्य बोली थी कि अगर वह औरत है वह गाना दिवाकर रात को अपने बेटे के साथ मंदिर गया हुआ होता तो यह हादसा ना हुआ होता तो समाज के ही सोच को मैं बदलना चाहता हूं कि हम लोग सोचते हैं कि लड़की को रात को बाहर क्यों छोड़ा जाता है मैं उन्हीं लोगों को बोल कि सोच को बदल कर बोलना चाहता हूं कि हम लड़के को रात को नहीं छोड़ेंगे बाहर तेरे को कहीं नहीं ना रहेगी बांस ना बजेगी बांसुरी तो यही जो सोच है कि हम लड़कियों को बाहर छोड़ रहे हैं तो उनका re4 है यह सोच कहीं ना कहीं गलत है उससे अच्छा है हम यह एक सोच वाले अपने आप में अपने समाज में अपने परिवार में और अपने बेटों को कि हम लड़के को ही रात को नहीं छोड़ेंगे और सारी लड़कियां को उसको ही एक मुंह में खुला छोड़ देते आराम से दुनिया जिंदगी जीने के लिए छोड़ देते हैं क्योंकि लड़कियां दिन में भी सेफ नहीं लड़के जब जब र सोसायटी में रहते हैं लड़कियां से अपनी जो बात हम कर रहे हैं ना यह साथ यह 7 मिनट के अंदर जो लेफ्ट हो जाते हैं ठीक है 7:08 मिनट में दो रेप सोता ही हमारी पोस्ट आया है हमारी सोच के बजे से जब तक लड़के हैं तब तक लड़कियां सेफ नहीं यह बात हमेशा याद रखना चाहिए लड़कियों को घर में लॉक करके रखने से लड़की सेट नहीं रहेगी सबसे ज्यादा सेफ रहेंगे अगर लड़के को हम घर में लॉक करके रखेंगे लड़कियां आंखों ने समाज में यह सोच को बदलो लड़कियों को पावरफुल करो लड़कियों को हिम्मतवाला बनवाओ तभी हमारी लड़कियां साथ रहेंगे हम सोच रहे हैं कि लड़कियों को अगर पावरफुल बना लेंगे हिम्मतवाला बना लेंगे तो वह सही नहीं होगा यह सोच गलत है और समाज को यह सोच को महिलाओं के प्रति बदलने की जरूरत है एक पुरुष के हिसाब से इस हिसाब से सभी को आहान करता हूं हमारी मां बहन जो भी कोई है उन सभी के मंगलमय के लिए हम रिक्वेस्ट कर रहे हैं कि यह सोच को बदलिए
नमस्कार आखिर क्या है कि समाज की महिलाओं के प्रति की सोच को बदलना चाहिए कि आप बताना शर्मा जी को महिलाओं की शिक्षा की योग्य पद्धति व पहले कुछ रुक कर बात सुनाने की होगी समय उन्हें लगता है कि मैं नहीं कर सकती जो पुलिस कर सकता हूं इसलिए जब तक इस उसको बदला नहीं जा सकता है तब तक महिलाओं का विकास नहीं किया जा सकता है और मैं नहीं होता तो देश का विकास भी न्यूज़
बात करें बदलाव यह सृष्टि का नियम है अशोक नियम जो सर्वदा चलता रहता है और हमें भी समय अनुसार चलना चाहिए जिस तरह से बदलाव होता हमारे शरीर में हमारे समय के अनुसार हमारे आसपास के माहौल में हमें उसके अनुरूप देना चाहिए अब देखा भी जाता जो समय के साथ वह कहते ना वक्त के साथ तालमेल मिलाता है वह व्यक्ति ही जीवन में सफलता हासिल करता जीवन में अपना एक मुकाम बना पाता है वरना अगर आप तालमेल नहीं बदला बना पाएंगे वक्त के साथ क्योंकि वक्त के साथ बदलाव होता है आप देखेंगे आप तो कुछ साल पहले बच्चे से बाल अवस्था थी फिर आपके युवावस्था फिर आगे चलकर वृद्धावस्था आती है तो हर एक अवस्था के अपने ही महत्व होते अगर कोई बुजुर्ग व्यक्ति लड़कपन करें या कोई ना समझी वाली बात करें बहुत ही गंभीर परिस्थिति हो जाते हैं उसके कह सकते हैं कि सोच और नजरिया को बहुत ज्यादा सीरियस समझाया था कि हां यह बहुत तजुर्बे कार व्यक्ति और इस तरह की बातें करना उसके लिए सो भी नहीं है नहीं होती वही बात करें अगर कोई बालक के इस तरह की बातें करता है नादानी पूर्वक तो हम उसे नजरअंदाज कर देते क्योंकि यह एक बालक है अभी बच्चा है इसे अदनान सामी ज्ञान नहीं है उसी प्रकार से जीवन में जो समाज में जो महिलाओं के प्रति पहले की जो धरना थी तू कहीं ना कहीं सही नहीं थी और आज समाज में देख रहे हैं महिलाएं हर तरफ अपना कैसे योगदान दे रही है या किसी भी कार्य क्षेत्र में बात करें हर एक कार्य क्षेत्र में कार्य करते हैं और बढ़-चढ़कर पुरुषों से भी बढ़ जाता है ऐसे में हमें उनका सम्मान करना चाहिए क्योंकि चाहे महिला हो या पुरुष हो अगर वह किसी पद पर उसका कोई फादर निर्धारित किया गया है तो उसकी रिस्पेक्ट हमें करनी चाहिए उस पद की रिस्पेक्ट जानी चाहिए ऐसा नहीं होगी यह पुरुष स्त्री है और यह इस क्षेत्र में कैसे आगे बढ़ सकती है ऐसा होना नहीं चाहिए क्योंकि शुरू से ही इस पुरुष प्रधान की जो सोच रही है हमारे समाज में वह कहीं ना कहीं हमारे मन में मनमुटाव का जरिया बन जाता है और हम सब महिलाओं के प्रति सम्मानजनक दृष्टि नहीं बना पाते शुरू से ही सिखाया जाता है कि पुरुष प्रधान होता है तो आज समय बदल रहा है आजा हर एक के समानता का अधिकार है हर किसी को चाहे वह किसी भी जाति धर्म से या किसी भी क्षेत्र से चुनाव संबंधित हो लेकिन इस चीज को हम नजरअंदाज नहीं कर सकते और बिल्कुल भी करना भी नहीं चाहिए सम्मान की आवश्यकता हर किसी को दिया और सम्मान देना ही सम्मान पाने की पहली निशानी होती है
नमस्कार आपका प्रश्न है समाज की महिलाओं प्रतीक इस सोच को बदलना चाहिए आपको मैं भी एक महिला हूं मैं तो सिर्फ यही बोलूंगी कि महिलाओं का आरक्षण बाद 220 का महिलाओं को आरक्षण देकर उन्हें कमजोर बनाते हैं महिलाओं को किसी भी तरह की कोई भी एडवांटेज आप बोलते हो ना पुरुष प्रधान होना ही क्यों है महिलाओं को महिलाओं को हर फील्ड में समान अधिकार मिल जाए अगर महिला कमा रही है या पुरुष तुम्हारा कौन सा धक्का मारा है इससे फर्क नहीं पड़ना चाहिए लेकिन कुछ काम महिलाओं के ऊपर पिक्स मत करो बच्चे की महिला ने करना है घर का काम महिला ने देखना है खाना बनाना महिला में देखना है इस सोच को बदलना चाहिए कुछ काम जो महिलाओं के ऊपर हमारी देश की 95% महिलाओं के ऊपर कुछ काम फिक्स कर दिए गए हैं आदमी कहां से आता है और वह आराम से बैठ जाता है महिला के सुबह से काम से लगी हुई है लेकिन फिर भी वह अपने बच्चों को भी खाना देखिए अपने हस्बैंड को भी देखी बाद में बर्तन भी उठाएगी सफाई भी करेगी और रात भी पूरी क्लीनिंग करके बोलेंगे तो ऐसा नहीं होना चाहिए इस सोच को बदलना चाहिए जब महिला और पुरुष दोनों मिलकर सारे काम करेंगे एक दूसरे को समान अधिकार देंगे और एक दूसरे के प्रति कर्तव्य को समझेंगे तो उनकी नजरों में एक दूसरे के प्रति सम्मान भी पड़ेगा धन्यवाद
किताबों में कहीं मैंने पढ़ा था जन्मकुंडली के संबंध में तो जहां तक प्रार्थना है की जन्म कुंडली में भाव क्या होता है तो जब जन्म होता है किसी का तो जन्म कुंडली जन्म के समय ही ग्रह स्थिति को प्रकट करता है और इसमें 12 भाग होते हैं यह ज्योतिष लोग बेहतर तरीके से बता सकते हैं और यह बारे भाव जो होते हैं वह हमारे जीवन के 12 आयामों का प्रतिनिधित्व करते हैं और प्रत्येक भाव का एक राशि से संबंधित होता है जिसमें उस भाव की प्रकृति व्याख्या होती है और इसमें हम बात करें तो इष्टकाल में जो राशि पुरवा क्षितिज में होती है वह लगन कहलाती है और इसे प्रथम भाव भी कहते हैं लगने जिस राशि में होता है उसके ऊपर रखकर बची हुई राशि को वामावर्त रख दिया जाता है जैसे घड़ी उल्टी अगर गति में बढ़ती है तो उसको वामावर्त कह सकते हैं प्राचीन विरासत जी ने नौ ग्रहों का आधार पर मानती है उनमें से 7 ग्रह ही अब मौजूद है राहु व केतु को छाया ग्रह माना जाता है और उन्हें गुरु तत्व शक्ति से भी जोड़कर देखा जाता है यही जन्मकुंडली की भाव है धन्यवाद
घर पर ही रहता हूं बैटरी बनाने का कार्य करता हूं और मोबाइल रिचार्ज इत्यादि
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सवाल ही आंख से पानी क्यों निकलता है और यह पानी नमकीन क्यों होता है देखिए आंसू आपकी भावना को बयान करते हैं कभी कभी खुशी बनकर तो कभी तकलीफ बनकर यह अक्सर आंखों से छलक जाते हैं आप कितने ही ज्यादा सहनशील और हिम्मत वाले क्यों न हो पर कभी न कभी जिंदगी में कोई ऐसा मोड़ जरूर आता है जब आप की आंखों से आंसू छलक जाते हैं कुछ लोगों को यह बात बड़ा ही बेचैन करती होगी की आंखों से आंसू निकलते हैं वह नमकीन क्यों होते हैं दरअसल आंसू के नमकीन होने के पीछे वैज्ञानिक कारण है वैज्ञानिकों के अनुसार आंसू में सोडियम क्लोराइड होता है इसके अलावा आंसू में लाए सो जाएं पाया जाता है आशु की हर एक बूंद रिपीट और अन्य फैट की बाहरी नियर नियर नियर नियर कुकर से बनी होती है दोनों लेयर एक सैंडविच की तरह एक पानी को प्लेयर बनाते हैं वैसे तकनीकी रूप से आंसू आंख में होने वाली दिक्कत का सूचक है यह आपको उसको होने से बचाता है और उचित साथ और कीटाणु रहित रखने में मदद करता है यह आंख की अचूक ने लिकाओं से निकलने वाला तरल पदार्थ है जो पानी और नमक के मिश्रण से बना होता है धन्यवाद
जनरल की दृष्टि से या जनरल नॉलेज की दृष्टि से जीवनदायिनी गैस और गैस को भी आप कह सकते हैं लेकिन आम तौर पर देखा जाए तो आखरी जन को हम लोग जीवनदायिनी गा सकते हैं क्योंकि यदि आप सीजन नहीं रहे तो एक तो हम साथ नहीं लेंगे और तुरंत हम मृत्युलोक पधार जाएंगे दूसरा यह है कि ऑक्सीजन के माध्यम से ही आग जलता है जैसे हम खाना बनाते हैं या जो भी आग से काम हो रहा है तो यह सृजन का काफी महत्वपूर्ण है और दूसरा है कार्बन डाइऑक्साइड यानी हम लोग जो सांस लेते हैं वापी जाने और छोड़ते हैं वह कार्बन डाइऑक्साइड है इस दोनों देशों का काफी भूमिका है लेकिन कुल मिलाकर हम जीवन देने के बाद करें जो हो जीव देता है तो वह सभी प्राणियों के लिए विज्ञान जो है महत्वपूर्ण है
घर पर ही रहता हूं बैटरी बनाने का कार्य करता हूं और मोबाइल रिचार्ज इत्यादि
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सवाल है चंद्रमा और सूर्य में एक ही आकार में क्यों दिखाई देते हैं देखिए चंद्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है या सौरमंडल का पांचवा सबसे विशाल प्राकृतिक उपग्रह है इसका आकार क्रिकेट बॉल की तरह गोल है और यह खुद से नहीं चमकता बल्कि या तो सूर्य के प्रकाश से ही प्रकाशित होता है पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी लगभग 384403 किलोमीटर है या दूरी पृथ्वी के व्यास का 30 गुना है चंद्रमा पर गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी से एक बटे 6 है या पृथ्वी की परिक्रमा 27.3 दिन में पूरा करता है और अपने अच्छी के चारों ओर एक पूरा चक्कर भी 27.3 दिन में लगाता है यही कारण है कि चंद्रमा का एक हिस्सा या फिर हमेशा पृथ्वी की ओर होता यदि चंद्रमा पर खड़े होकर पृथ्वी को देखें तो पृथ्वी साथ-साथ अपने अक्ष पर * करती हुई नजर आएगी लेकिन आसपास में उसकी स्थिति स्थिर बनी रहेगी अर्थात पृथ्वी को कई वर्षों तक निहारते रहो वह अपनी जगह से टस से मस नहीं होगी पृथ्वी चंद्रमा सूर्य नीति के कारण चंद्र दशा हर 29.5 दिनों में बदलती है आकार के हिसाब से अपने स्वामी ग्रह के सापेक्ष या सौरमंडल में सबसे बड़ा प्राकृतिक उपग्रह है जिसका व्यास पृथ्वी का एक चौथाई तथा द्रव्यमान 1 बटा 81 है बृहस्पति के उपग्रह के बाद चंद्रमा दूसरा सबसे घनत्व वाला उपग्रह सूर्य के बाद आसमान में सबसे अधिक चमकदार निकाय चंद्रमा समुद्री ज्वार और भाटा चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण आते हैं चंद्रमा की तत्कालिक कच्ची अधूरी पृथ्वी के व्यास का 30 गुना है आसमान में सूर्य और चंद्रमा का आकार हमेशा समान नजर आता है चाहे इस प्रकार कर लीजिए सूर्य पृथ्वी से 400 गुना बड़ा है और चांद पृथ्वी से 400 गुना नजदीक है इसलिए ऐसा होता है धन्यवाद
घर पर ही रहता हूं बैटरी बनाने का कार्य करता हूं और मोबाइल रिचार्ज इत्यादि
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सवाल है विद्युत बल्ब के अंदर पतले तार को क्या कहते हैं और यह किस चीज का बना होता है देखिए ताप दीप्त ओलंपिया इन करंट इंसेंट लैंप को बोलचाल भाषा में बल्ब कहते हैं या ताप दीप्ति के द्वारा प्रकाश उत्पन्न करता है गर्म होने के कारण प्रकाश का उत्सर्जन टॉप दीप्ति कहलाता है इसमें एक पतला फिलामेंट तार होता है जिससे वह कर जब धारा बहती है तब या गर्म होकर प्रकाश देने लगता है फिलामेंट को कांच के बल्ब के अंदर इसलिए रखा जाता है ताकि अब तक फिलामेंट तक वायु मंडली ऑक्सीजन न पहुंच पाए और इस तरह प्रिया करके फिलामेंट को कमजोर न कर सके विद्युत बल्ब के अंदर आर्गन गैस भरी होती है विद्युत बल्ब का तंतु टंगस्टन का बना होता है धन्यवाद
घर पर ही रहता हूं बैटरी बनाने का कार्य करता हूं और मोबाइल रिचार्ज इत्यादि
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सवाल है पटाखों से निकलने वाली रोशनी अलग-अलग रंगों की किन कारणों से होती है देखिए अक्सर हम देखते हैं कि विभिन्न प्रकार के पटाखे फटने के बाद आसमान में रंग बिरंगी रोशनी बिछड़ते हैं इन पटाखों में रोशनी प्राप्त करने के लिए खास तरह के रसायनों का प्रयोग किया जाता है अलग-अलग रसायनों के हिसाब से ही पटाखों के रंगों की रोशनी अलग-अलग होती है रसायन विज्ञान में मौजूद तरह तरह के रसायनों को यदि किसी और वस्तु के साथ मिलाया जाए तो बार रसायनिक तत्व उसके साथ मिश्रित होने पर अपना रंग बदल लेते हैं पटाखों से हरे रंग की रोशनी निकालने के लिए उसमें बेरियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया जाता है धन्यवाद
प्रश्न है पैरों के तलवों से अगर पसीना आता है तो उसे रोकने का कोई उपाय दी की सबसे बढ़िया तरीका है लैवंडर ऑयल लैवेंडर ऑयल में एंटीफंगल्स प्रॉपर्टीज होती है जिससे नासिर पसीना आने की समस्या दूर होती है बल्कि इंफेक्शन से भी बचाता है गुनगुने पानी में तीन से चार फूल लैवंडर एसेंशियल ऑयल डालें और इसमें 15 से 20 मिनट तक पैड वो कर बैठे कुछ दिनों तक रोजाना ऐसा करने से आपको खुद फर्क दिखने लगेगा इसके अलावा फिटकरी का भी उपयोग कर सकते हैं फिटकरी में मौजूद एंटीसेप्टिक गुण पैरों से पसीना आने की समस्या दूर करता है साथ ही इससे आफ फंगल इंफेक्शन से भी बच सकते हैं इसके लिए एक चम्मच फिटकरी पाउडर को गुनगुने पानी में डालकर 15 से 20 मिनट तक पैरों को उस में डुबोकर रखें इससे पैरों में पसीना और बदबू आने की समस्या दूर हो जाएगी देखिए अगर आप नमक के पानी में भी पैड होते हैं तो अभी आपको जो पसीने की समस्या से निजात मिल सकती है धन्यवाद
घर पर ही रहता हूं बैटरी बनाने का कार्य करता हूं और मोबाइल रिचार्ज इत्यादि
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सवाल ही इंसान का रंग अलग-अलग क्यों होता है देखिए मानव त्वचा का रंग गहरे भूरे से लेकर हल्के गुलाबी श्वेत तक विस्तृत पर आ सकता है मानो तो चमकता प्राकृतिक वरण का परिणाम है मानव में त्वचा वर्ण अकता का विकास मुख्य तत्व तक आवेदन करने वाली पराबैंगनी विकिरण की मात्रा को विनियमित करने और इसके जीव रसायन प्रभाव नियंत्रित करने से हुआ है लोगों का वास्तविक रंग विभिन्न तत्वों पर निर्भर करता है यद्यपि सबसे महत्वपूर्ण तत्व मेलानिन इन वर्णक है मेलानिन इन का निर्माण त्वचा की उचित नामक कोशिकाओं के अंदर होता है और गहरे श्याम वर्ण के लोगों की त्वचा का रंग इसे ही निर्धारित होता है हल्के रंग के लोगों की त्वचा का रंग बारिश ताकि नीले सफेद संयोजी उत्तक और शिराओं में प्रभावित होने वाले हेमोग्लोबिन से निर्धारित होता है त्वचा में अंतर्निहित लाल रंग दृश्य मान होता है जो मुख्य रूप से चेहरे पर कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में अधिक दिखाई देता है जैसे व्यायाम के उपरांत तंत्रिका तंत्र की उत्तेजित अवस्था गुस्सा डर आदमी ऐसा दिखाई देता है धन्यवाद
देखिए ऐसा अक्सर काफी लोगों के साथ होता है कि वह तीन चार व्यक्तियों के सामने तो खुलकर अपनी बात रख सकते हैं लेकिन जैसे ही वह भीड़ के सामने कुछ बोलने की कोशिश करते हैं तो वह बिक जाते हैं और उनके हाथ पैर कांपने लग जाते हैं और मैं यह सोचते हैं कि सामने वाला क्या सोचेगा देखिए अगर वह यह समझे कि वह उन से अधिक बुद्धिमान है और उसका जवाब जो है वह दूसरों से अच्छा दे सकते हैं और लोगों को बेहतर समझा सकते हैं और इनसे लोग प्रेरित भी होंगे और खुद भी वह जो डर है वह काबू में ला सकते हैं अगर उनके अंदर यह बात यह भावना आ जाए तो वह अपनी जिंदगी में काफी आगे बढ़ सकते हैं देखें सबसे पहले जब भी कोई भी व्यक्ति स्टेज पर जाएं एक लंबी सांस लेकर यह सोचे कि मैं कर सकता हूं और यह मेरे लिए काफी मुश्किल बात नहीं है अगर वह यह दृढ़ निश्चय करके जाए कि वह किसी को कुछ समझाने की कोशिश कर रहा है या इससे लोगों का ही भला होगा लोग उससे प्रेरित होंगे अगर यह भावना अगर मैं मन में बैठा लेगा तो उसे थोड़ा समय लगेगा लेकिन वह हर व्यक्ति के सामने अपनी बात खुलकर कहेगा और सभा में चाहे स्टेज पर कहीं भी हो वह अपनी बात को आसानी से कह पाएगा धन्यवाद
कुछ लोग जैसे वैसे लोगों को दिखाने में सकुचाती क्यों है कि दूसरों के नजरों में अच्छा बनने की कोशिश करते हैं आप सुंदर देखना चाहते हैं आप अपने आप को स्वस्थ और हेल्दी और ब्यूटीफुल दिखाने की कोशिश करते हैं अपनी जो है याद करके अपने कपड़े पहने हुए करने के इच्छुक नहीं होंगे पर क्या चीज टाइप बगैरा सूट I3 पहन रखा तो लोग आपसे मिलने की और बात करने की इच्छा जाहिर करेंगे क्योंकि वह सोचेंगे कि आप कोई ना कोई बड़े आदमी दिखाना जो है आजकल के दौर के अंदर हर किसी का और यही कारण है कि जो दिखावटी जो दुनिया है इसके अंदर हम लोग फंसे हुए हैं तो आज आप हो या कोई और वह हर कोई व्यक्ति स्मार्ट बनना चाहेगा अपने आपको अच्छी तरीके से कपड़े इत्यादि सब जैसा है वैसा ही दिखाएंगे
प्रिया सम्मोहन विद्या द्वारा किस तरह से किसी के मन को वश में कर लिया जाता है दोस्तों सब बिल्कुल भी नहीं है सम्मोहन विद्या वगैरह कुछ नहीं है परंतु आपको कुछ जरिया केमिकल जो इत्यादि होते हैं उन के माध्यम से आप किसी को भी अपने वश में तो कर सकते हैं परंतु उसकी जो मानसिकता जो है उसकी रियल लाइफ में उसको बस में नहीं कर सकते हैं आप किसी व्यक्ति को कोई शहर या कुछ केमिकल 41 लूंगा करके या किसी और तरीके से अपने वश में कर सकते हैं परंतु जो सम्मोहन विद्या ए ऑफिस से दूर रहिए क्योंकि यह जो ऐसी कोई विद्या नहीं है यह सिर्फ आपको किताब के अंदर भी देखने को नहीं मिलेगी परंतु धार्मिक किताबें उनके अंदर आपको देखने को मिल जाएगी कोई जादू टोने की जो चीजों की उम्र में देखने को मिल जाएगी परंतु कुछ भी चीज नहीं है आप किसी को केमिकल के माध्यम से लोगों का ब्रेनवाश करके आप जरूर किसी को वश में कर सकते हैं परंतु
देखे किसी में दिमाग कम है या फिर किसी में ज्यादा होता है इसका कोई ऐसे मजा नहीं है हरेक लोगों का मतलब निरंतर हर एक कर लो काम माइंड पावर डिफरेंट होता है और और और और चिकन चीज है कि कुछ लोगों का न्यूट्रिशन के चमक को बचपन से मिलता है उसी के ऊपर भी उनका दिमाग के पावर को उत्पन्न करता है जैसे कि बहुत टाइम हम देखते हैं कि बच्चों को हमेशा मां के पेट में जब रहता है तो उस माता को ज्यादा खाना दिया जाता है ज्यादा एल्बम्स वगैरा और अच्छा से खाना दिया जाता है या फिर बच्चे के टाइम पर होने टाइम पर उनको ज्यादा सही प्रकार की पोस्ट खाना दिया जाता है इसीलिए क्योंकि उनका मानसिक विकास रहते हो पाए इसलिए हम बोल सकते हैं कि कुछ लोगों का दिमाग का भार सही ज्यादा होता है कौन किस लोगों का कम होता है और चिकन जितने भी बोलना कि कुछ कुछ लोग ज्यादा मेडिटेशन करते हैं माइंड को बहुत टेबल करते हैं बैलेंस करते तो कहीं ना कि उनका माइंड अच्छे से चलता है ठीक है तो इसीलिए मोहब्बत नाटक राज कर सकते हैं कि लोगों के दिमाग कैसे तेज अलग होता है लेकिन मैं पूरी तरह से ये बात मैं सहमत नहीं हूं कि आपकी माइंड का सार अपने साहब की बचपन पर है यह से मैं नहीं बोल सकता हूं तो आप चाहो तो अपने माइंड का साथ में स्पीड बढ़ा सकते हैं धन्यवाद
करियर का सवाल है क्या मर जाना है सभी समस्याओं का समाधान लिखो एक चीज तो है मर जाना आपने कहा मर जाना तो अपनी इच्छा से मरना बहुत गलत होता है जब ऊपरवाला कहते हैं कि जब पूरी जिंदगी हकीकत एक सुख-दुख इंसान ठोक के जब मरता है वह चीज होती है और उसमें समस्याओं से माना तो यह बता कि आदमी जो चलते फिरते मर गया उसकी उम्र पूरी हो गई वह मर गया तो उसका समाधान होगा जो चला गया ना कि समाज का समाधान हुआ ना उसके बेटे समाधान हुआ उसके बेटी समाधान वह सब का समाधान जब होता है जब जो घर में परेशानियां होती उनका निवारण हो जाता है जब ही उनकी समस्याओं का समाधान होता है समाधान वह नहीं कि आप सोचें कि आखिरी स्टेट है आज मर जाए उसके बाद हम से कोई तगादा करेगा नमाज समस्या रहेंगे उस सब कुछ सब जानते हैं मेरे पीछे कौन देखता कौन नहीं देता है और समस्या कुछ नहीं दिया तूने समस्याएं आपके लिए तो नहीं रहेगी आप चले गए आप मर गए चले आप समस्या का समाधान हो गया जो आप नहीं हो लेकिन जो आपके पीछे खड़े हैं जो आपके बच्चे हैं या फिर पति या पत्नी है आपकी और मां है पिता है भाई है उनके उपर समस्याएं आती हैं तो बस समस्या उनकी हो जाती है अगर उसकी समस्या समाधान एक अच्छे तरीके से करके जाए और जो है मर जाना ना सोच कर एक अच्छी समस्या समाधान करके जाए तो अच्छा है मर जाना एक से सभी समस्या समाधान नहीं है फिर जो इंसान खुद मर कर चला गया उसकी समस्याएं भी चली गई समस्या मेरी समस्या नहीं होती इंसानों पर नहीं समझते हैं तो बहुत कम होती हैं समस्याएं भी उत्पन्न होती है वह समाज से उत्पन्न होती हैं घर से उत्पन्न होती हैं और अपने कुटुम समाय मेरा कहना है मर जाना ही समस्याओं का समाधान नहीं है
छोटी-छोटी बातों को और हमको चिढ़ हो रहा है तो इसके लिए मैं आपको एक सलाह दूंगा कि ट्राई करिए ठीक है कोशिश करेगी ज्यादा शांत रहने के लिए ज्यादा शांत रहने के लिए ज्यादा था आप एक अपने आप में एक के टारगेट सेट करें कि मैं इन चीजों को ना ज्यादा नहीं बोलूंगा या फिर आज के दिन में में टोटल में एक व्हाट्सएप पर एक सौ सेंटेंस बोलूंगा एक सौ बार क्यों बोलूंगा जिससे ज्यादा नहीं बोलूंगा तो इतने क्या होगा ना कि हमारी माहित को माइंड का हमारे मुंह साइलेंट रहेगा तो मेरे माइंड भी उसके बाद में थोड़ी शांति बन जाएगा और जब मन शांत बन जाएगा तो बन जाएगा तो हम हर एक बातों को ना अच्छी तरह से हम सोचेंगे समझेंगे कि हां यह बात तो क्या है क्यों है कैसा है उसको जब आप अच्छे से समझेंगे तो हमको चैट नहीं आएगा और हम उसे सलाह निकालने क्यों मत दिमाग में कोशिश लेट होगा ठीक है हम खुद चाय कोशिश करने लगेंगे कि इस जो प्रॉब्लम सिस्को समाधान कैसे करेंगे ऐसा नहीं कि आप चैटिंग नहीं रे हम दे देंगे ठीक है तभी होता है जब हमको समझता नहीं है प्रकाश से जब प्रॉब्लम पाया जब कोई चीज हम सुनील समझे तो फटाक चमन सरधना स्टार्ट कर दिए थे टिकट कब का मतलब ही बोलते हैं इंग्लिश में कि कुछ ना सोचे समझे उसको एक संदेश देते हैं तो इसी तरह में बोलना चाहूंगा कि हम अपने आप को रखना सिखाइए टिकट लेने कि आप चैट करो नहीं होगी लेकिन दूसरे जिलों में भी बेकार की बातें करते हैं जब आप फालतू की बकवास वगैरा करते हैं ठीक है हमें तो अपने को कंट्रोल करेगी थोड़ा शांत रहिए जब आप शांत करें ना पेक्टिस करोगे उसके बाद आपको ज्यादा चैट नहीं रहोगे और यह मेरा पर्सनल मैं यह प्रश्न टेक्स्प्रिंट्स चली तो इस हिसाब से मैं आपको सलाह दे रहा हूं
के समाज में जब आज कल की है जो झूठ फैलाया जा रहा है काफी इसका लिए बस के लिए बड़ी आगे की भूमिका निभा रहे हैं हमारे जो मीडिया हाउसेस यूटीवी है इसमें कहीं ना कहीं बहुत प्रकार की छूट छूट को फैलाया जा रहा है तो इसलिए मेरा हमेशा आपको राय है कि आप जब टीवी वगैरह को देख रहे हैं तो आपके अंदर में कंटेंस को दिखाइए जो धर्म के ऊपर हो जो जाति के ऊपर की हो जो देश के ऊपर क्यों जो आपको गुस्सा आंगन इससे देने वाली काम होते उनसे अपने आपको पहले दूर रखा है और दूसरी बात क्या है क्या आपके पास गूगल है आपके पास एक फोन है क्या ऑफ इंफॉर्मेशन से तो आप जो भी आपको जानना है ना आप उसको गूगल में रिचार्ज करिए उसको पढ़ उसको इंफॉर्मेशन स्कूल लीजिए और उसके पीछे थोड़ी रिचार्ज करें एक छोर से कभी भी मत देखना 500 उसको मिलाकर हमेशा इंफॉर्मेशन को लेना ठीक है सूचना को लेना तभी आप एक के झूठ तो झूठ फैलाया जा रहे साइड में उससे आप बच पाओगे नहीं बच पाओगे
समाज की महिलाओं के प्रति किस सोच को बदलना चाहिए,महिलाओं के प्रति किस सोच को बदलना चाहिए