चुनाव आयोग का कार्य विधानसभा और लोकसभा में सीटों में जो वोट देने के लिए लोग जाते हैं उन वोट देने के लिए जो लोग जाते हैं उन मतदाताओं का मतदान सूची का ऑपरेशन करते रहना और मतदाता सूची बनाना और जो भी वोट दिए जाते हैं उन सारी चीजों का मैनेजमेंट जो होता है हर राज्य में कैसे मतदान करवाना है हर को यूनिटरी में मतदान कैसे करवाना बहुत सारी जिम्मेदारी का भाग जो लेता है वह चुनाव आयोग करवाता है
आलू फ्रेंड स्वागत है आपका आपका प्रश्न है दिनभर लोहा पीटने वाला लोहार की अपेक्षा 2 घंटे कसरत करने वाला पहलवान अधिक ताकतवर क्यों होता है क्योंकि जो लोहा पीटने वाला लोहार होता है वे अपने काम के लिए लोहा पीटता है वह कोई कसर तो करता नहीं और कसरत करने वाला व्यक्ति हर समय एक अपना समय बना लेता है और पूरे शरीर की कसरत करता है इसलिए वह पहलवान होता है लोहा पीटने वाला काम करने की काम करने के मकसद से ही लोहा पीटा है अपनी रोजी रोटी के लिए करता है और कसरत तो पूरे शरीर की होती है इसलिए कसरत करने वाला व्यक्ति अधिक पहलवान होता है तो फ्रेंड से अगर आपको मेरे जवाब अच्छे लगे तो लाइक कीजिएगा धन्यवाद
देखिए इंसान के जीवन में कोई ऐसी अवस्था नहीं है बुढ़ापा से लेकर बचपन तक कोई भी ऐसी व्यवस्था नहीं है जहां पर सारी संबंधों को लेकर उसका मुंह नहीं लगता है हमेशा उसका मुंह लगता है रहता है जब तक कि कोई मनुष्य अपनी इंद्रियों को वश में नहीं कर लेता है जब मनुष्य अपने चाहतों इंद्रियों को ऑटो कोई भी एडमिन सीन इन इंद्रियों को अपने वश में कर लेते हैं दुआ मोम शिवबचा रहा था अन्यथा जो भी इस संसार में जन्म लिया है वह हमेशा मुंह बंधन में बना ही रहता है
हेलो फ्रेंड स्वागत है आपका आपका प्रश्न है किसी व्यक्ति के हाव-भाव यह चेहरे को देखकर उसके मनोदशा का पता कैसे लगाया जा सकता है तो फ्रेंड जो कोई ज्यादा खुश होता है तो बहुत एक्साइटेड होता है तो मैं पता चल जाता है कि बहुत खुश है एवं जब वह दुखी होगा तो उसका चेहरा उदास हो जाएगा उसकी आंखों से आंसू निकलेंगे तो हमें पता चल जाएगा कि वह दुखी है जो गुस्सा होगा तो उसका चेहरा बहुत आंखें लाल हो जाएंगी और मुकुल जाएगा तुम्हें गुस्सा जैसा दिखेगा तो चेहरे के हाव-भाव श्याम उसके मन की दशा पता चल जाती है क्योंकि चेहरा सब कुछ बता देता है खैर खून खांसी खुसी विपरीत मद्यपान सब नहीं छुपते हैं सब दिख जाते हैं तो फ्रेंड्स अगर आपको मेरा जवाब पसंद आए तो प्लीज मुझे लाइक जरूर करिएगा धन्यवाद
हेलो फ्रेंड स्वागत है आपका आपका प्रश्न अगर किसी की पहली औलाद लड़की है और दूसरी औलाद भी लड़की हो जाए तो है परिवार से मिलना क्यों होने लगता है तो फ्रेंड से बिल्कुल गलत बात है बिल्कुल भी शर्मिंदा नहीं होना चाहिए अगर पहली औलाद लड़की और दूसरी भी हो जाए तो ऐसी कोई बात नहीं होती है आजकल लड़का और लड़की में कोई फर्क नहीं रह गया है जो काम लड़के कर सकते हैं वह काम लड़कियां भी करती हैं लड़कियां हर क्षेत्र में अपना नाम रोशन कर रही हैं हेलो क्रि करती हैं हर फील्ड में अपना नाम कमा रही हैं और लड़कियों को मां-बाप से ज्यादा हमदर्दी होती है लड़कों की अपेक्षा और लड़की तो इस दुनिया में बहुत जरूरी है अगर लड़की नहीं होगी तो यह सृष्टि रुक जाएगी आगे नहीं जाएगी और लड़की तो लक्ष्मी का अवतार मानी जाती है इसीलिए लड़की हो तो आप बिल्कुल भी दुखी ना हो और ना ही अपने आप को शर्मिंदा महसूस करें क्योंकि दो लड़की भी है तो वह बहुत खुशनसीब उस नसीब से होती हैं इसलिए लड़की होने पर कभी भी दुखी नहीं हूं ना चाहिए लड़का और लड़की में आजकल कोई भी फर्क नहीं रह गया है तो फ्रेंड्स अगर आपको मेरा जवाब अच्छा लगे तो प्लीज लाइक करिएगा धन्यवाद
घर पर ही रहता हूं बैटरी बनाने का कार्य करता हूं और मोबाइल रिचार्ज इत्यादि
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सवाल है पारिवारिक तनाव से खुद को कैसे दूर रखें देखिए इस धरती पर सबसे बड़ा तनाव है पारिवारिक तनाव ऐसा कौन सा हिंदू है जो या नहीं जानता कि प्रभु श्री राम जी के साथ परिवारिक तनाव बढ़ जाने के बाद क्या हुआ था और धृतराष्ट्र के परिवार में पुत्रों के बीच जब तना हुआ तो क्या हुआ था हम सब यह जानते हैं कि तनाव का परिणाम हमेशा बुरा ही होता है इसलिए ऐसी स्थिति न पैदा होने दे बस घर के साथ इंतजार करें अपने रिश्ते को मजबूत करें छोटी-छोटी बातों पर बुरा ना माने एक दूसरे से बातें करें एक दूसरे का सहयोग करें और सदस्यों का ख्याल रखें धन्यवाद
नमस्कार दोस्तों आज का आपका सवाल है दिल्ली विज्ञापन के प्रकार के बारे में बताओ तो दोस्तों आपके सवाल का उत्तर यह है दिल्ली विज्ञापन के प्रसारण के कई प्रकार से किया जाता है जो दिल्ली विज्ञापन के प्रकार है समय विज्ञापन स्पॉट सौजन्य विज्ञापन करते से आयोजित विज्ञापन स्पोर्ट्स एंड वैसा एक विज्ञापन कमर्शियल तो प्रथम वर्ग के टेली विज्ञापन को समय विज्ञापन या सपोर्ट विज्ञापन कहते हैं इस वर्ग के अंतर्गत 7 से 10 सेकंड के लिए आने वाला विज्ञापन जो उत्पाद की गुणवत्ता मुल्ले अन्य आप जानकारी नहीं होता है और दूसरे वर्ग का टेली विज्ञापन जो सौजनी या कर्टिस विज्ञापन कहलाता है इस विज्ञापन के लिए उत्पादक विज्ञापन संस्था के माध्यम से किसी राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम अथवा फिल्म एवं धार धारावाहिक के कारण मध्य अंत में अपने उत्पाद का विज्ञापन प्रसारित करें द स्रोतों को आकर्षित कर उत्पाद की उपयोगिता विषय सूचना प्रेषित करता है और इस वर्ग में प्रसारित विज्ञापन की अवधि 15 से 30 सेकंड होती है और तीसरे वर्ग में विज्ञापन जो पार योजित स्पोर्ट्स हेड विज्ञापन इन के लिए विज्ञापन का उत्पाद किसी कार्यक्रम विशेष को पारित करने का अधिकार तरह कर लेता है तथा कार्यक्रम विशेष के फार्म और मध्य अंत में कई प्रकार के विज्ञापन संक्षिप्त प्रसारण और नाम उच्चारण के साथ उत्पाद का दृश्य प्रस्तुत कर विज्ञापन किया जाता है और चौथा वर्ग में टेलीविजन की थैली विज्ञापन के लिए एक निश्चित अवधि के लिए दैनिक टाइम करिए कर लिया जाता है और उक्त अवधि में जंगल या घर से विधान के आधार पर मैसेज संदेश दिया जाता है तो कभी-कभी इन संदेश को कार्टून के माध्यम से या कठपुतली कार्यक्रम के अंदर से भी विजुअल के माध्यम से भी दिया जाता है तो यह संदेश लोक माध्यम के रूप में भी दिए जा सकते हैं धन्यवाद दोस्तों खुश रहो
कालापानी चेतकपुरी है कि जब अंग्रेजों के जमाने में जब क्रांतिकारियों को कोई सजा देनी होती थी वह कठोर सजा देनी होती थी दवा कोई छोटे से आईलैंड अंडमान निकोबार दीप समूह दादर हवेली यह सारे में जाकर उन्हें अकेला कोठरी में बंद कर दिए जाते यात्रा से मिलने के लिए छोड़ दिया जाता था इसे काले पानी की सजा भी कहते थे उन सब के दीयों का देश के साथ में कनेक्शन टूट जाता था और और दूसरी अर्थवर्म बता सकते हैं कि काला पानी जो है और नेपाल लिया भारत के भारत के उत्तर उत्तर प्रदेश से रिलेटेड एक जगह का स्थान का नाम काला पानी है
हेलो फ्रेंड स्वागत है आपका आपका प्रश्न है लोग दुखी क्यों होते हैं दुखों का नाश कैसे होता है फ्रेंड जब हम असीमित इच्छाएं रखते हैं जो पूरी नहीं हो पाती तो हमें दुख होने लगता है तो को का नाश करने के लिए हमें उतनी ही अपने मन में इच्छा जागृत करनी चाहिए जो पूरी हो सके बहुत ज्यादा हम सोचेंगे हमें यह मिल जाए वह मिल जाए यह कर ले और जब वह पूरा नहीं हो पाता तो हम दुखी हो जाते हैं तो हमें इन्हें दुखों से छुटकारा पाना है तो हमें उतना ही सोचना चाहिए जितना कि पूरा हो सके उतने ही पैर फैलाना चाहिए जितनी हमारी चादर हो तो हमें अपनी क्षमता के अनुसार ही खर्च करना चाहिए सोचना चाहिए और किसी चीज को पाने की इच्छा रखनी चाहिए जो हमें मिल सके हमें कोई भी फालतू ऐसी चीज की मना करना नहीं करना चाहिए जो हमें ना मिल सके फिर बाद में हमें दुख हो इसीलिए जो लोग बहुत ज्यादा सोचते ही उन्हें दुख होता है इसलिए अपनी इच्छाओं को सीमित रखना चाहिए तो फ्रेंड्स अगर आपको मेरे जवाब अच्छे लगे तो प्लीज मुझे लाइक दे करिएगा धन्यवाद
लगी दोस्तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता है कि बुढ़ापा सभी का कष्टदायक होता बल्कि मैं तो बचपन और बुढ़ापे कोई सबसे श्रेष्ठ मानता हूं बचपन में कोई वाला बिना किसी दबाव के कार्यकर्ता है और उसको मालूम होता है कि अगर कोई भी गलती हुई तो समझाने वाले भी होंगे तो बचपन में कोई जिम्मेदारी और बोझ नहीं होता है बचपन में हम बेफिक्र होते हैं लेकिन इन सब में एक बात बेहद अहम है कि बचपन में हमारे मकसद हमारे साथ हम कभी सुपरमैन कभी शक्तिमान तो कभी कुछ भी बन जाना चाहते थे वैसे ही बुढ़ापा भी होता है इंसान अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त हो जाता है और कोई भी अतिरिक्त दबाव नहीं होता है उसके अनुभव उसे कोई बड़ी गलती करने भी नहीं देते हैं और वह परिस्थितियों से सीख चुका होता कि बेफिक्र रहो जो होगा उस से निपटा जाएगा विधि कर ले कोई बदल नहीं सकता जो होना है वह कर ही रहेगा हम तो सिर्फ उसके प्रभाव को कम ज्यादा कर सकते हैं लेकिन इधर भी मकसद की अहम भूमिका होती है अगर इंसान के जीवन में मकसद खत्म हो जाता है तब वह दुखी रहता है और वह रोने लगता है जिंदगी का असली मजा जुनून में है खाट तोड़ने में नहीं बुढ़ापे में 1 बच्चों को अच्छी परवरिश देता है अपने स्वास्थ्य में ध्यान देने तूने तो टहलने जाता है व्यायाम करता है बाजार से सब्जी लाता है मेरे मोहल्ले में बहुत से ऐसे ब्रिज हैं जिनकी उम्र 90 के करीब है लेकिन व्यापार में काफी पैसा कमा रहा है मैंने उनसे पूछा कि आपकी सरकारी जॉब की पेंशन मिलती है आपको तो फिर इतनी ज्यादा जहर क्यों तब्बू बोलते कि अगर हम मेहनत नहीं करेंगे तो हम बीमार हो जाएंगे खटिया पकड़ लेंगे वास्तव में जो इंसान जितना निष्क्रिय होता जाता है वह उतनी ही अधिक बीमारियों को निमंत्रण देता है मेहनतकश इंसान चेतन होता है और काफी बीमारियों से बचा रहता है इंसान के जीवन में यदि मकसद है तो वह दुखी और आबादी अवसाद से नहीं गिरेगा बचपन और बुढ़ापे में किसी दबाव और फिक्र के इंसान अपने मकसद को प्राप्त करने में जुटा रहता है इसलिए बुढ़ापे में जिंदगी कष्टकारी नहीं सुख में ही होती है शरीर को भी भावनात्मक सहारा चाहिए जो आध्यात्मिक जगत में ही संभव है पश्चात देशों के बाद भारत के शहरी नाश्ते के बाद मनो बिहारी से भर जाते हैं क्योंकि उनके लिए शरीर बा बांस ना सब कुछ थी जो अब पूरी नहीं हो सकती जबकि पूर्वी देश जहां वृद्धि आध्यात्मिक हैं वह समस्त मानोगे आदि से मुक्त है और भजन-कीर्तन बा मुक्ति में लगे रहते हैं इनकी वृद्धावस्था भक्ति भावना में मानसिक सहारा प्राप्त कर लेती है यह सेवा कार्य करती है आत्म संतुलन को प्राप्त करते हैं इसलिए हमें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बा मिनिमम खर्च की व्यवस्था अपनी स्वयं करनी चाहिए और अध्यात्म क्षेत्र से जुड़े रहना चाहिए तो बुढ़ापा भी आपका सुख पुरवा की बेटी तो होगा धन्यवाद
फ्रेंड स्वागत है आपका आपका प्रश्न है जिसे कभी टूट कर चाहा उसे मुलाकात हो जाए तो क्या करना चाहिए तो फ्रेंड्स आप जैसे कभी चाहते थे अगर बाप को मिल जाए तो वे अगर शादीशुदा है तो आप बस उसे हाल-चाल पूछ लीजिए बस और अपने रास्ते चल दीजिए क्योंकि अगर उसकी शादी हो गई है तो आप कब से ज्यादा मेलजोल बढ़ाना बात करना ठीक नहीं है क्योंकि इस समाज में जिसकी शादी हो जाए तो उससे कोई दूसरा पुरुष या स्त्री बात करें तो वह ठीक नहीं माना जाता है तो अगर आपकी उससे मुलाकात हो जाए तो आप उसे नमस्ते कर लीजिए बस हाल-चाल पूछ लीजिए और आप भी अपनी जिंदगी में खुश नहीं है और उसे भी खुश रहने दीजिए धन्यवाद
नमस्कार दोस्तों आज का का सवाल है विज्ञापन का अर्थ और उद्देश्य बताओ तो मित्रों को आपके सवाल का उत्तर है विज्ञापन का जो सूचना या ज्ञान देना किसी वस्तु या तथ्य की विशेष सूचना यह विशेष जानकारी देना विज्ञापन का अंग्रेजी का पर्याय एडवरटाइजिंग है जो लेटिन भाषा के शब्द एडवर्ड से बना है जिसका अर्थ है 22:00 यानी किसी को और जोड़ना किसी के प्रति आकर्षित करना यह हो ना यहां पर विज्ञापन एक प्रकार का प्रचार है जो कुछ निश्चित वस्तुओं तथा सेवाओं के अस्तित्व तथा विशेषता की ओर ध्यान आकृष्ट करता है और विज्ञापन का उद्देश्य विज्ञापन का उद्देश्य जो परिचय कराना संचार के किसी भी माध्यम हो उसके आधार पर अपने उत्पाद का विज्ञापन कराकर उत्पाद को उपभोक्ता तक पहुंचाता है और ध्यान अक्षण विज्ञान का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति उपभोक्ताओं का ध्यान उत्पाद की ओर आकर्षित करना रुचि उत्पत्ति विज्ञापन का तीसरा उद्देश्य उपभोक्ताओं में विज्ञान मित्र उत्पाद के प्रति रुचि उत्पन्न करना विश्वास जगाना विज्ञापन का चौथा उद्देश्य विज्ञापित वस्तु या उत्पाद के प्रति उपभोक्ता में विश्वास जगाना स्मृति प्रभावित करना विज्ञापन का पांच उद्देश्य उपभोक्ताओं के स्मृति को प्रभावित करना और करवाना विज्ञापन का छठवां उद्देश्य उपभोक्ता में उत्पाद संबंधी करें इंशा जगाना आवश्यकता जगाना विज्ञापन का सातवां उद्देश्य किसी न किसी रूप में बार-बार विशेष गुण या विशेषता का उल्लेख करके उत्पाद की आवश्यकता को जगाना विक्रय वर्दी विज्ञापन का अर्थ उद्देश्य विज्ञापित वस्तु की बिक्री वर्दी को बढ़ाना छवि निर्माण विज्ञापन का नाम उद्देश्य उत्पादन की इच्छा भी का निर्माण करना यह सारे उद्देश्य हैं धन्यवाद दोस्तों खुश रहो
देखिए इंसान के जीवन में कोई ऐसी अवस्था नहीं है बुढ़ापा से लेकर बचपन तक कोई भी ऐसी व्यवस्था नहीं है जहां पर सारी संबंधों को लेकर उसका मुंह नहीं लगता है हमेशा उसका मुंह लगता है रहता है जब तक कि कोई मनुष्य अपनी इंद्रियों को वश में नहीं कर लेता है जब मनुष्य अपने चाहतों इंद्रियों को ऑटो कोई भी एडमिन सीन इन इंद्रियों को अपने वश में कर लेते हैं दुआ मोम शिवबचा रहा था अन्यथा जो भी इस संसार में जन्म लिया है वह हमेशा मुंह बंधन में बना ही रहता है
हेलो फ्रेंड स्वागत है आपका आपका प्रश्न अगर किसी की पहली औलाद लड़की है और दूसरी औलाद भी लड़की हो जाए तो है परिवार से मिलना क्यों होने लगता है तो फ्रेंड से बिल्कुल गलत बात है बिल्कुल भी शर्मिंदा नहीं होना चाहिए अगर पहली औलाद लड़की और दूसरी भी हो जाए तो ऐसी कोई बात नहीं होती है आजकल लड़का और लड़की में कोई फर्क नहीं रह गया है जो काम लड़के कर सकते हैं वह काम लड़कियां भी करती हैं लड़कियां हर क्षेत्र में अपना नाम रोशन कर रही हैं हेलो क्रि करती हैं हर फील्ड में अपना नाम कमा रही हैं और लड़कियों को मां-बाप से ज्यादा हमदर्दी होती है लड़कों की अपेक्षा और लड़की तो इस दुनिया में बहुत जरूरी है अगर लड़की नहीं होगी तो यह सृष्टि रुक जाएगी आगे नहीं जाएगी और लड़की तो लक्ष्मी का अवतार मानी जाती है इसीलिए लड़की हो तो आप बिल्कुल भी दुखी ना हो और ना ही अपने आप को शर्मिंदा महसूस करें क्योंकि दो लड़की भी है तो वह बहुत खुशनसीब उस नसीब से होती हैं इसलिए लड़की होने पर कभी भी दुखी नहीं हूं ना चाहिए लड़का और लड़की में आजकल कोई भी फर्क नहीं रह गया है तो फ्रेंड्स अगर आपको मेरा जवाब अच्छा लगे तो प्लीज लाइक करिएगा धन्यवाद
हेलो फ्रेंड स्वागत है आपका आपका प्रश्न है लोग दुखी क्यों होते हैं दुखों का नाश कैसे होता है फ्रेंड जब हम असीमित इच्छाएं रखते हैं जो पूरी नहीं हो पाती तो हमें दुख होने लगता है तो को का नाश करने के लिए हमें उतनी ही अपने मन में इच्छा जागृत करनी चाहिए जो पूरी हो सके बहुत ज्यादा हम सोचेंगे हमें यह मिल जाए वह मिल जाए यह कर ले और जब वह पूरा नहीं हो पाता तो हम दुखी हो जाते हैं तो हमें इन्हें दुखों से छुटकारा पाना है तो हमें उतना ही सोचना चाहिए जितना कि पूरा हो सके उतने ही पैर फैलाना चाहिए जितनी हमारी चादर हो तो हमें अपनी क्षमता के अनुसार ही खर्च करना चाहिए सोचना चाहिए और किसी चीज को पाने की इच्छा रखनी चाहिए जो हमें मिल सके हमें कोई भी फालतू ऐसी चीज की मना करना नहीं करना चाहिए जो हमें ना मिल सके फिर बाद में हमें दुख हो इसीलिए जो लोग बहुत ज्यादा सोचते ही उन्हें दुख होता है इसलिए अपनी इच्छाओं को सीमित रखना चाहिए तो फ्रेंड्स अगर आपको मेरे जवाब अच्छे लगे तो प्लीज मुझे लाइक दे करिएगा धन्यवाद
साहित्यकार, समीक्षक, संपादक पूर्व अधिकारी विजिलेंस
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आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए हमें क्या करना चाहिए हम आत्मविश्वास से लोगों के घरों को आगे बढ़ाते दिखे आत्मविश्वास किसी चीज के विषय में जब जान लेंगे उसके नियमों को जान लेंगे उसको कुछ पहचान लेंगे और फिर उसको कार्य को करेंगे तो आपके अंदर मन में प्रसन्नता रहेगी और आपके अंदर भी भरोसा रहेगा कि उसको हम कर सकते हैं वहां पर आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा किसी विषय पर आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए दूरदर्शिता और उसके सतत अभ्यास की जरूरत होती है जब हम किसी विषय पर सतत अभ्यास कर लेते हैं तो सतत अभ्यास के माध्यम से हमें उसी तरह के समरूप कार्य करने में हमें काफी आनंद का अनुभव होता है इसलिए हाथ में विश्वास हमेशा गुणों के श्लोक एवं उसके सतत अभ्यास से ही प्राप्त होता है जो आप इसको आप अंदर आत्मविश्वास भी बढ़ा सकते हैं और अब विजय का मार्ग भी तलाश सकते हैं
बहुत पहले हम लोग जब साइकिल चलाते थे तो साइकिल में भी एक हेड लाइट होती थी और हम सभी जानते हैं कि चाय के लिए आंतरिक ऊर्जा है यानी हमारे पैरों से हमारे सभी से चलता है और उसी के साइड में एक के टंकी जैसा होता था उसके ऊपर एक के नाचने वाला पहिया होती थी और उसके घर क्षण से जो है यांत्रिक ऊर्जा विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित होकर और हमारे साइकिल के जो हेड लाइट होती थी वह जलती थी और बहुत मजा आता था रात में कहीं भी आप यात्रा कर सकते थे लेकिन आजकल के साइकिल में ऐसा नहीं दिख रहा है तो उस वजह से हम लोग जो है यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करके प्रकाशमान करते थे और भी बहुत सारे उदाहरण है आप उदाहरण की और बात करें विद्युत ए जनवरी तैयार टरबाइन कि हम बात करें यह भी जो है यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है
हेलो फ्रेंड स्वागत है आपका आपका प्रश्न मुश्किल वक्त में प्रकृति के साथ कैसे संतुलन स्थापित किया जा सकता है जो फ्रेंड्स जैसे अभी हमने देखा था कोरोनावायरस में इतना ज्यादा फैल चुका है तो जैसे हमने प्रकृति के साथ संतुलन किया हम लोग अपने घर में रहे ज्यादा बाहर नहीं गए मैं अपने हाथों को बार-बार 213 मास्क लगाना सोशल डिस्टेंसिंग करना यह सब हम लोगों ने संतुलित किया और जब प्रकृति में समाज में दुनिया में यह कोरोनावायरस ठहर गया तो हम अपने घर में रहे लोग डाउन लगा दिया गया यही सब हुआ व्यक्ति के साथ हमें जब मुश्किल वक्त आए तो प्रतिष्ठान संतुलित रहना चाहिए जब भी कोई ऐसे ज्यादा बारिश हो तो हमें घर में रहना चाहिए ज्यादा बाहर नहीं जाना चाहिए यह सब जो प्राकृतिक आपदाएं आती है तो प्रकृति हमें उनके साथ संतुलन बनाकर रहना चाहिए धन्यवाद
जनरल की दृष्टि से या जनरल नॉलेज की दृष्टि से जीवनदायिनी गैस और गैस को भी आप कह सकते हैं लेकिन आम तौर पर देखा जाए तो आखरी जन को हम लोग जीवनदायिनी गा सकते हैं क्योंकि यदि आप सीजन नहीं रहे तो एक तो हम साथ नहीं लेंगे और तुरंत हम मृत्युलोक पधार जाएंगे दूसरा यह है कि ऑक्सीजन के माध्यम से ही आग जलता है जैसे हम खाना बनाते हैं या जो भी आग से काम हो रहा है तो यह सृजन का काफी महत्वपूर्ण है और दूसरा है कार्बन डाइऑक्साइड यानी हम लोग जो सांस लेते हैं वापी जाने और छोड़ते हैं वह कार्बन डाइऑक्साइड है इस दोनों देशों का काफी भूमिका है लेकिन कुल मिलाकर हम जीवन देने के बाद करें जो हो जीव देता है तो वह सभी प्राणियों के लिए विज्ञान जो है महत्वपूर्ण है
घर पर ही रहता हूं बैटरी बनाने का कार्य करता हूं और मोबाइल रिचार्ज इत्यादि
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सवाल है विद्युत बल्ब के अंदर पतले तार को क्या कहते हैं और यह किस चीज का बना होता है देखिए ताप दीप्त ओलंपिया इन करंट इंसेंट लैंप को बोलचाल भाषा में बल्ब कहते हैं या ताप दीप्ति के द्वारा प्रकाश उत्पन्न करता है गर्म होने के कारण प्रकाश का उत्सर्जन टॉप दीप्ति कहलाता है इसमें एक पतला फिलामेंट तार होता है जिससे वह कर जब धारा बहती है तब या गर्म होकर प्रकाश देने लगता है फिलामेंट को कांच के बल्ब के अंदर इसलिए रखा जाता है ताकि अब तक फिलामेंट तक वायु मंडली ऑक्सीजन न पहुंच पाए और इस तरह प्रिया करके फिलामेंट को कमजोर न कर सके विद्युत बल्ब के अंदर आर्गन गैस भरी होती है विद्युत बल्ब का तंतु टंगस्टन का बना होता है धन्यवाद
घर पर ही रहता हूं बैटरी बनाने का कार्य करता हूं और मोबाइल रिचार्ज इत्यादि
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सवाल ही इंसान का रंग अलग-अलग क्यों होता है देखिए मानव त्वचा का रंग गहरे भूरे से लेकर हल्के गुलाबी श्वेत तक विस्तृत पर आ सकता है मानो तो चमकता प्राकृतिक वरण का परिणाम है मानव में त्वचा वर्ण अकता का विकास मुख्य तत्व तक आवेदन करने वाली पराबैंगनी विकिरण की मात्रा को विनियमित करने और इसके जीव रसायन प्रभाव नियंत्रित करने से हुआ है लोगों का वास्तविक रंग विभिन्न तत्वों पर निर्भर करता है यद्यपि सबसे महत्वपूर्ण तत्व मेलानिन इन वर्णक है मेलानिन इन का निर्माण त्वचा की उचित नामक कोशिकाओं के अंदर होता है और गहरे श्याम वर्ण के लोगों की त्वचा का रंग इसे ही निर्धारित होता है हल्के रंग के लोगों की त्वचा का रंग बारिश ताकि नीले सफेद संयोजी उत्तक और शिराओं में प्रभावित होने वाले हेमोग्लोबिन से निर्धारित होता है त्वचा में अंतर्निहित लाल रंग दृश्य मान होता है जो मुख्य रूप से चेहरे पर कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में अधिक दिखाई देता है जैसे व्यायाम के उपरांत तंत्रिका तंत्र की उत्तेजित अवस्था गुस्सा डर आदमी ऐसा दिखाई देता है धन्यवाद
सर्कस वाले के अधिकार का प्रयोग कहां करते हैं पेंट्स आर्टिकल का प्रयोग उन्नाव नियम पूरा नाम से पहले करते हैं फ्रेंड्स आर्टिकल हम उन्नाव अन्नपूर्णा उनको पहचानने के लिए उपयोग आर्टिकल सा किया जाता है आर्टिकल नाउन प्रोनाउन से आगे लगते हैं फ्रेंड्स आर्टिकल अपने दौरे के होते हैं तो डेफिनेट और एक इंडेफिनिटी आर्टिकल के अंदर आ जाएगा और इंटरनेट कल के अंदर एन आर ए और एन आ जाएगा और अपने जो आर्टिकल से अपने किसी के नाम के आगे मतलब जैसे कि विषय आर्टिकल सकते जैसे ताजमहल के आगे स्टोरीकल प्लेस इसके आगे किसी कांस्टेंट साउंड वाले शब्द क्या गेम किसी संस्था के आगे किसी बुक के नाम के आगे जैसे वह सुपरलेटिव कंप्लीट डिग्री आगे जैसे बेस्ट भ्रष्ट ऐसे इसलिए फ्रेंड सर्कल का उपयोग किया जाता है अगर आपको अच्छा लगा हो तो प्लीज लाइक कर देना जय हिंद जय भारत
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